मणिपुर हिंसा: 175 की मौत, 1100 से ज्यादा घायल; अस्पतालों में लावारिस पड़े हैं 96 शव
मणिपुर में हिंसा को शुरू हुए 4 महीने से भी ज्यादा वक्त हो गया है। अब पुलिस ने हिंसा के दौरान मारे गए लोगों, घायलों, आगजनी की घटनाओं और लूटे गए हथियारों के आंकड़े जारी किए हैं। पुलिस का कहना है कि मणिपुर हिंसा में अब तक 175 लोगों की मौत हो गई है, 1,108 लोग घायल हुए हैं और 32 लोग अभी भी लापता हैं। पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आइके मुइवा ने ये जानकारी दी है।
96 शव लावारिस, 9 की पहचान ही नहीं हुई
पुलिस के मुताबिक, मारे गए 175 लोगों में से 9 के शव अभी तक पहचाने नहीं जा सके हैं। 79 शवों के परिजनों का पता चल गया है, जबकि 96 अभी भी लावारिस पड़े हैं। इनमें से राजधानी इंफाल स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) में क्रमश: 28 और 26 शव हैं और 42 चुराचांदपुर के अस्पताल में हैं। अब तक 9,332 FIR दर्ज की गई हैं और 325 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उपद्रवियों ने आग के हवाले किए 4,786 घर
पुलिस के मुताबिक, उपद्रवियों ने कुल 4,786 घरों को आग के हवाले कर दिया है। आगजनी के कम से कम 5,172 मामले दर्ज किए गए हैं। हिंसा के दौरान 254 चर्चों और 132 मंदिरों को भी तोड़ा गया है। हिंसा की शुरुआत से अब तक उपद्रवी 5,668 हथियारों को लूट कर ले गए हैं। इनमें से सुरक्षाबलों ने 1,329 हथियारों को बरामद कर लिया है। 15,050 गोला-बारूद और 400 बम भी बरामद किए गए हैं।
हम शांति लाने की कोशिश कर रहे- मुइवा
IGP मुइवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मणिपुर में फिलहाल हालात सही नहीं हैं। हालांकि, हम शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हम राज्य के लोगों को आश्वस्त कर सकते हैं कि पुलिस, केंद्रीय बल और नागरिक प्रशासन सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए चौबीसों घंटे प्रयास कर रहे हैं।" सुरक्षा बलों ने राज्य में कम से कम 360 अवैध बंकरों को भी नष्ट कर दिया है।
मैतेई प्रतिनिधिमंडल ने की राजनाथ सिंह से मुलाकात
गुरुवार देर रात को मैतेई समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इसमें प्रतिनिधिमंडल ने हिंसाग्रस्त इलाके से असम राइफल्स को हटाकर दूसरे सुरक्षा बल को तैनात करने की मांग की है। समूह ने आरोप लगाया कि असम राइफल्स कार्रवाई को लेकर भेदभाव करता है। इससे पहले मैतेई समुदाय का प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्री अमित शाह से भी कम से कम 3 बार मिल चुका है।
न्यूजबाइट्स प्लस
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 3 मई को कुकी समुदाय ने 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकाला था। इसके बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी है, जो अभी भी जारी है। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।