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नोएडा: धर्म छिपाकर युवती के साथ रह रहा था शख्स, शादी से एक दिन पहले गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में नाम और धर्म छिपाकर युवती को शादी का झांसा देने वाला युवक गिरफ्तार

नोएडा: धर्म छिपाकर युवती के साथ रह रहा था शख्स, शादी से एक दिन पहले गिरफ्तार

Dec 13, 2022
01:57 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने नाम और धर्म छिपाकर एक युवती को शादी का झांसा देने और उसका रेप करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि शख्स ने अपना नाम आशीष ठाकुर बताया था, जबकि उसका असली नाम हसीन सैफी है। युवक और युवती की सोमवार को शादी होने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही युवक की असलियत सामने आ गई।

मामला

क्या है पूरा मामला?

पुलिस ने बताया कि एक निजी कंपनी में काम करने के दौरान युवती की आरोपी युवक से मुलाकात हुई थी। युवक ने खुद को हिंदू बताकर युवती से दोस्ती कर ली, जिसके बाद दोनों दादरी में किराए के घर में साथ रहने लगे। युवती का आरोप है कि युवक ने उसके साथ शरीरिक संबंध बना लिए थे और अश्लील वीडियो बनाकर धर्म परिवर्तन करने का दबाव भी बना रहा था।

खुलासा

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

युवती ने पुलिस को बताया कि उसने और युवक ने सोमवार को शादी करने का फैसला किया था। इससे पहले रविवार को आरोपी के पिता अपने बेटे के बारे में हसीन नाम से पूछताछ करते हुए घर तक पहुंचे गए। इससे युवती को पता चला कि युवक का असली नाम आशीष ठाकुर नहीं बल्कि हसीन सैफी है। इसके बाद युवती ने युवक के खिलाफ पुलिस में शिकायत की और पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया।

आरोप

आरोपी के खिलाफ रेप और धर्मांतरण कानून के तहत केस दर्ज

पुलिस ने बताया कि युवती की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (रेप) और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्मांतरण रोकथाम अध्यादेश, 2020 के प्रावधानों के तहत आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अवैध संबंध बनाने के लिए अपना धर्म और अपनी पहचान छुपाई थी। वह युवती के सामने हसीन सैफी से आशीष ठाकुर बन गया और इसी नाम से अपनी पहचान बना कर उसके साथ रहने लगा।

कानून

क्या कहता है गैरकानूनी धर्मांतरण रोकथाम अध्यादेश?

उत्तर प्रदेश सरकार ने गैरकानूनी धर्मांतरण की समस्या से निपटने के लिए 2020 में एक अध्यादेश जारी किया था। इसके तहत विवाह के लिए धर्मांतरण को गैर-जमानती अपराध घोषित किया गया है और इसके लिए जेल के साथ-साथ आर्थिक दंड का भी प्रावधान है। इसके तहत दोषी पाए गए व्यक्ति को न्यूनतम एक वर्ष जेल की सजा दिए जाने का प्रावधान है। इसे पांच वर्ष की जेल और 15,000 रुपये के जुर्माने तक बढ़ाया जा सकता है।