मालेगांव धमाका: गवाह का ATS पर योगी आदित्यनाथ का नाम लेने का दबाव बनाने का आरोप
साल 2008 में उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास हुए धमाके के मामले में मंगलवार को नया मोड़ आया है। मामले के एक गवाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत में मुंबई के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) पर गंभीर आरोप लगाया है। गवाह ने कहा कि ATS ने उसे प्रताड़ित करते हुए मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीयस्वयं सेवक संघ (RSS) के पांच नेताओं का नाम लेने का दबाव बनाया था।
ATS ने अवैध हिरासत में रखकर बनाया था दबाव- गवाह
इंडिया टुडे के अनुसार, गवाह ने कोर्ट में कहा कि मुंबई ATS के तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त परमबीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने उसे सात दिन तक ATS कार्यालय में अवैध हिरासत में रखा था। उस दौरान अधिकारियों ने उसे जमकर प्रताड़ित किया था। इसके अलावा उन्होंने उस पर मामले में उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, RSS नेता इंद्रेश कुमार, देवधर और काकाजी सहित पांच नेताओं का नाम लेने का दबाव बनाया था।
ATS अधिकारियों ने दी थी परिवार को भी प्रताड़ित करने की धमकी- गवाह
गवाह ने कोर्ट ने कहा कि ATS अधिकारियों ने सात दिनों तक न केवल उसे प्रताड़ित किया, बल्कि उनके कहे अनुसार बयान नहीं देने पर उसके परिवार के सदस्यों को भी प्रताड़ित करने और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी थी। इससे वह बुरी तरह से टूट गया था। बता दें कि परमबीर सिंह इस समय मुंबई में अवैध वसूली के मामलों का सामना कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें पद से भी निलंबित कर दिया है।
कांग्रेस सरकार ने किया हिंदुओं को बदनाम- भाजपा विधायक
मामले में भाजपा विधायक राम कदम ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अब स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं को बदनाम किया और गलत तरीके से 'हिंदू अतंकवाद' शब्द गढ़ दिया। इससे स्पष्ट है कि तत्कालीन सरकार ने योगी आदित्यनाथ और RSS नेताओं को फंसाने की कोशिश की थी। शिवसेना को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।" बता दें कि मामले के गवाह के इस आरोप ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की राजनीति में गर्माहट ला दी है।
कांग्रेस और सपा ने खारिज किए भाजपा के आरोप
कांग्रेस के आरिफ नसीम खान और सपा विधायक अबी आसिम आजमी ने भाजपा विधायक के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि यह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक स्टंट है। उन्होंने दावा किया कि योगी आदित्यनाथ को यह क्लीन चिट उत्तर प्रदेश चुनावों के कारण मिली है। मामले में विशेष लोक अभियोजक ने कहा था NIA उन पर आरोपियों को ढील देने के लिए दबाव बना रही थी। स्पष्ट है कि गवाहों पर दबाव बनाया गया है।
मालेगांव धमाके में हुई थी छह लोगों की मौत
मालेगांव धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 लोग घायल हुए थे। जांच में सामने आया था कि मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में रखे विस्फोटक से धमाका किया गया था। शुरुआत में मामले की जांच ATS ने की, लेकिन 2011 में इसकी जांच NIA को सौंप दी गई थी। इस मामले में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफि्टनेंट कर्नल पुरोहित, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी भी आरोपी हैं।
मामले में अब तक हुई 220 लोगों की गवाही
इस मामले में अब तक 220 लोगों की गवाही हो चुकी है। इनमें से 15 अपने बयानों से मुकर चुके हैं। वर्तमान में सभी आरोपी जमानत जमानत पर हैं और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (UAPA) सहित अन्य धाराओं में मुकदमे का सामना कर रहे हैं।