दिल्ली-NCR में महफूज नहीं महिलाएं, हर रोज 5 बलात्कार तो 8 का शोषण
देश की राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा की बदहाल हालत किसी से छिपी नहीं है। साल 2018 के दिल्ली पुलिस के आंकड़े भी राजधानी में महिला सुरक्षा के खस्ताहाल को दर्शाते हैं। बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिल्ली-NCR में औसतन हर रोज 5 महिलाओं का बलात्कार हुआ, वहीं 8 महिलाओं को रोजाना शोषण का सामना करना पड़ा। पुलिस के अनुसार ज्यादातर आरोपी पीड़ित की जान-पहचान के थे।
क्या कहते हैं आंकड़े?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, 2018 में कुल 2,043 बलात्कार के मामले दर्ज हुए। अगर पिछले सालों की बात करें तो 2017 में 2,059 बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2016 में यह आंकड़ा 2,065 था। अगर शोषण के मामलों की बात की जाए तो 2018 में कुल 3,175 शोषण के मामले दर्ज हुए। 2017 और 2016 में यह आंकड़ा क्रमशः 3,275 और 4,032 था। आंकड़ों से साफ है कि महिलाओं की हालत में पिछले साल कोई सुधार नहीं हुआ।
परिचित ही होते हैं बलात्कार के आरोपी
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, केवल 2.5 प्रतिशत मामले ऐसे थे जिनमें आरोपी पीड़ित का परिचित नहीं था। 97.5 प्रतिशत बलात्कार के मामलों में जान-पहचान वाले व्यक्ति ने ही महिलाओं को अपना शिकार बनाया। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 43 प्रतिशत मामलों में आरोपी दोस्त या पारिवारिक दोस्त थे। वहीं, 16.25 प्रतिशत मामलों में पड़ोसी, 12.04 प्रतिशत मामलों में रिश्तेदार, 2.89 प्रतिशत मामलों में सहकर्मी और 22.86 प्रतिशत मामलों में अन्य जानने वालों ने महिलाओं के साथ बलात्कार किया।
अपने ही करते हैं बलात्कार तो बचाए कौन?
आंकड़ों के बाद मुख्य सवाल ये उठता है कि महिलाओं की सुरक्षा में सुधार कैसे हो, जब ज्यादातर मामलों में परिचित ही आरोपी हैं। महिला अपराध के आंकड़ों में कमी लाने के लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से अंधेरे रास्तों पर लाइट लगाने, घर तक यातायात की सुविधा बेहतर करने और आत्मरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का अनुरोध किया है। पुलिस अपने महिला सुरक्षा संबंधी एप्प 'हिम्मत प्लस' को लोकप्रिय बनाने पर भी काम कर रही है।