शाहजहांपुर केस: छात्रा को साथ ले गई पुलिस, जबरन वसूली केस में होगी पूछताछ
भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा को विशेष जांच दल (SIT) की टीम पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है। खबरों के अनुसार, छात्रा से जबरन वसूली के मामले में पूछताछ की जा सकती है। बता दें कि चिन्मयानंद के पक्ष ने आरोप लगाया था कि छात्रा ने एक वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल करते हुए पैसे मांगे थे।
सुनवाई के लिए कोर्ट जा रही छात्रा को पुलिस ने रोका
दरअसल, छात्रा ने शाहजहांपुर की एक कोर्ट में गिरफ्तारी से सुरक्षा की अपील दायर की थी। इस पर आज सुनवाई होनी है। NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब छात्रा सुनवाई के लिए कोर्ट जा रही थी तो पुलिस ने उसे रोक लिया और अपने साथ ले गई। खबर के अनुसार, छात्रा को कई पुलिसकर्मियों और मामले की जांच कर रही SIT टीम की एक महिला अधिकारी ने घेर लिया और अपने साथ गाड़ी में बैठाकर ले गए।
चिन्यमानंद के पक्ष ने लगाया था पांच करोड़ रुपये मांगने का आरोप
बता दें कि चिन्मयानंद के पक्ष ने छात्रा पर ब्लैकमेल करके पैसे मांगने का आरोप लगाया है। उनके वकील ने आरोप लगाया था कि 22 अगस्त को चिन्मयानंद के पास एक मैसेज आया था जिसमें उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे गए थे। इन आरोपों में छात्रा के जानकार तीन व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का मानना है कि इसमें छात्रा भी शामिल थी और अब उससे इसी सिलसिले में पूछताछ हो सकती है।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा ने कॉलेज के चेयरमैन चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया है। छात्रा का आरोप है कि चिन्मयानंद ने उसका नहाते समय का वीडियो बना लिया और इसके जरिए ब्लैकमेल करते हुए एक साल तक उसका रेप किया। छात्रा ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए वीडियो सबूत भी पेश किए हैं, जिन्हें उसने अपने चश्मे में लगे कैमरे से बनाया था।
चिन्मयानंद ने कबूल किए अधिकतर आरोप
छात्रा की शिकायत और कोर्ट में गवाही देने के बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने शुक्रवार को चिन्मयानंद को शाहजहांपुर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया। SIT की पूछताछ में चिन्मयानंद ने अपने ऊपर लगे अधिकतर आरोप स्वीकार कर लिए और कहा कि वह अपने कृत्य पर शर्मिंदा हैं। मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।
चिन्मयानंद पर रेप की धारा नहीं लगाने पर उठ रहे सवाल
बता दें कि पुलिस ने चिन्मयानंद पर सीधे-सीधे रेप की धारा 376 की बजाय धारा 376C लगाई है। किसी संस्थान के संचालक के उसके अधीन महिला पर दवाब बनाकर सेक्स के लिए राजी करने के आरोप में धारा 376C लगाई जाती है। इसमें 5-10 साल की कैद का प्रावधान है। वहीं धारा 376 में आरोपी को न्यूनतम 10 साल की सजा होती है। पुलिस के चिन्मयानंद पर रेप की धारा नहीं लगाए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।
रेप की धारा नहीं लगाने के फैसले को कानूनी विशेषज्ञों का समर्थन
कई कानूनी विशेषज्ञ पुलिस के इस फैसले को सही बता रहे हैं। उनका कहना है कि मामले की जटिलता को देखते हुए चिन्मयानंद के खिलाफ रेप के आरोपों को साबित करने में मुश्किल हो सकती थी और पीड़ित पक्ष हार भी सकता था।
चिन्मयानंद से छिनेगा संत का दर्जा
इस बीच चिन्मयानंद पर संत समाज से बाहर किए जाने का खतरा भी मंडरा रहा है। संत समाज की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने शनिवार को कहा था कि चिन्मयानंद को संत समाज से बाहर करने का फैसला लिया गया है और इस पर 18 अक्टूबर को ABAP की आधिकारिक बैठक में मुहर लगेगी। संत का दर्जा छिनने के बाद चिन्मयानंद अपने नाम के आगे स्वामी या संत नहीं लगा सकेंगे।