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ISRO ने फिर रचा इतिहास, नौ विदेशी उपग्रहों के साथ सफलतापूर्वक लॉन्च किया EOS-01

ISRO ने फिर रचा इतिहास, नौ विदेशी उपग्रहों के साथ सफलतापूर्वक लॉन्च किया EOS-01

Nov 07, 2020
03:16 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस महामारी के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को एक बार फिर से नया इतिहास रच दिया है। ISRO ने दोपहर 03:12 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से EOS-01 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। इस उपग्रह को PSLV-C49 रॉकेट से लॉन्च किया गया। इस रॉकेट के जरिए देश के रडार इमेजिंग उपग्रह (सैटेलाइट) और नौ अन्य विदेशी उपग्रहों को भी भेजा गया है।

काउंटडाउन

ISRO ने शुक्रवार से शुरू किया था लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन

ISRO ने EOS-01 सहित सभी 10 उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए शुक्रवार दोपहर एक बजे से काउंटडाउन शुरू कर दिया था। उस दौरान ISRO ने 26 घंटे बाद यानी शनिवार दोपहर 03:12 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्चिंग का समय निर्धारित किया था। इसके बाद से ही ISRO के अधिकारियों की दिल की धड़कने बढ़ी हुई थी। ऐसे में दोपहर में उपग्रहों की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के साथ अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

लॉन्च

ISRO ने इन उपग्रहों को किया लॉन्च

ISRO अधिकारियों के अनुसार लॉन्च किए गए नौ विदेशी उपग्रहों में लिथुआनिया (1-प्रौद्योगिकी डेमन्स्ट्रेटर), लक्समबर्ग (क्लेओस स्पेस द्वारा चार मैरीटाइम एप्लीकेशन सैटेलाइट) और अमेरिका के चार-लेमुर मल्टी मिशन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट शामिल हैं। EOS-01 अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट की ही एक एडवांस्ड सीरीज है। इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) लगाया गया है, जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रखने की क्षमता प्रदान करता है।

बयान

देश की सीमाओं की निगरानी की क्षमता बढ़ेगी- कपूर

ISRO के वैज्ञानिक आर सी कपूर ने कहा कि EOS-01 में लगे SAR के जरिए उपग्रह किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख पाएगा। इसकी बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है और स्पष्ट तस्वीरें खींची जा सकती हैं। देश की सुरक्षा के लिए भी यह उपग्रह बेहद खास है। इससे हर वक्त देश की सीमाओं की निगरानी संभव होगी। साथ ही खेती और आपदा प्रबंधन में भी इसका इस्तेमाल होगा।

रॉकेट

ISRO ने लॉन्चिंग में किया PSLV-C49 रॉकेट के DL वैरिएंट का इस्तेमाल

इस बार ISRO उपग्रहों की लॉन्चिंग के लिए PSLV-C49 रॉकेट के DL वैरिएंट का इस्तेमाल किया है। इसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर मोटर्स लगी हुई है। इस वैरिएंट का पहली बार इस्तेमाल 24 जनवरी, 2019 को ऑर्बिट माइक्रोसेट आर सैटेलाइट में किया गया था। PSLV एक चार स्टेज/इंजन रॉकेट है, जो ठोस और तरल ईंधन द्वारा वैकल्पिक रूप से छह बूस्टर मोटर्स के साथ संचालित होता है, जो शुरुआती उड़ान में गति को बढ़ाता है।

जानकारी

ISRO ने लॉन्चिंग की कवरेज के लिए मीडिया को नहीं दी अनुमति

ISRO ने कोरोना महामारी की गाइडलाइसं के चलते मीडिया को लॉन्चिंग की कवरेज की अनुमति नहीं दी थी। ऐसे में इसरो ने लॉन्चिंग का खुद की वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर चैनलों पर लाइव प्रसारण किया था। इसे काफी संख्या में लोगों ने देखा।

योजना

ISRO ने दिसंबर में GSAT-12R उपग्रह को लॉन्च करने की बनाई योजना

ISRO के वैज्ञानिक कपूर ने बताया कि EOS-01 की लॉन्चिंग उनकी इस साल की पहली लॉन्चिंग है। वह दिसंबर में GSAT-12R कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। जिसे PSLV-C50 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। इससे पहले उन्होंने RISAT-2BR1 को PSLV-C48 के जरिये लॉन्च किया था। उसके बाद जनवरी 2020 में GSAT-30 संचार उपग्रह को एरियन-5 VA-251 से लॉन्च किया गया था। वह देश की लिए बड़ी उपलब्धियों में शामिल था।