कोलकाता रेप-हत्या मामला: सुप्रीम कोर्ट में फांसी की मांग के बीच कल होगी सुनवाई
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की रेप के बार हत्या किए जाने के मामले से जुड़ी स्वत: संज्ञान याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सियालदह कोर्ट की ओर से दोषी संजय रॉय को उमकैद की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद लिया है।
हालांकि, इस फैसले के बाद राज्य भर में दोषी को फांसी की सजा देने की मांग उठने लगी है।
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा।
इसी तरह कोर्ट पीड़िता के माता-पिता द्वारा दायर एक हस्तक्षेप आवेदन पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें जांच में अकुशलता का आरोप लगाया गया है और मामले में आगे की जांच की मांग की गई है।
बता दें कि परिजनों ने सोमवार को कोर्ट के आदेश के बाद भी राज्य सरकार से 17 लाख रुपये की मुआवजा राशि लेने से इनकार कर दिया था।
जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 18 अगस्त को लिया था संज्ञान
बता दें कि आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त, 2024 को यह विभत्स घटना घटी थी। इसका देशभर में विरोध हुआ था और डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। मामले को बढ़ते देखकर सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को स्वत: संज्ञान लिया था।
सजा
कोर्ट ने मामले को दुर्लभतम मानने से किया इनकार
सियालदह कोर्ट के न्यायाधीश अनिर्बान दास ने संजय को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास (मृत्यु होने तक जेल) की सजा सुनाई थी।
उस दौरान उन्होंने कहा था कि यह मामला दुर्लभ से दुर्भलतम श्रेणी में नहीं आता है। ऐसे में इसमें फांसी की सजा लागू नहीं होगी।
बता दें कि कोर्ट ने संजय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया है।
चुनौती
पश्चिम बंगाल सरकार ने फैसले को हाई कोर्ट में दी चुनौती
सियालदह कोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को फैसले को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए दोषी को फांसी देने की मांग की है।
सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने याचिका दायर की है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, "मैं संतुष्ट नहीं हूं। यह एक गंभीर मामला था। अगर यह हमारे अधिकार क्षेत्र में होता, तो हम बहुत पहले ही इसमें मृत्युदंड की सजा सुनिश्चित कर देते।"