
कोलकाता के डॉक्टरों ने काम पर लौटने से इंकार किया, बोले- सरकार से दोबारा बातचीत करेंगे
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के बाद आंदोलनरत डॉक्टरों ने राज्य सरकार के साथ बातचीत के बाद भी काम पर लौटने से मना कर दिया।
डॉक्टरों ने कहा कि जब तक स्वास्थ्य सचिव को हटाने समेत अन्य मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे काम बंद रखेंगे। डॉक्टरों ने सरकार से दोबारा बातचीत की मांग भी रखी।
डॉक्टरों ने यह निर्णय 5 घंटे चली गवर्निंग बॉडी की बैठक के बाद लिया।
हड़ताल
डॉक्टरों का क्या कहना है?
मंगलवार रात से शुरू होकर बुधवार तड़के 1 बजे तक चली डॉक्टरों की बैठक में कई निर्णय लिए गए, जिसकी जानकारी उन्होंने प्रेस कॉनफ्रेंस में दी।
डॉक्टरों ने कहा कि सरकार को उन्हें लोकतांत्रिक माहौल देना चाहिए। साथ ही डॉक्टरों ने पर्याप्त शौचालय, अस्पतालों में CCTV कैमरे, आवास, सुरक्षा और छात्र निकाय चुनाव कराए जाने की मांग की है।
डॉक्टरों ने महिला डॉक्टरों को रात्रि पाली में ड्यूटी से रोकने वाले सरकारी निर्देश को वापस लेने की भी मांग की।
बैठक
पिछली बैठक में 5 में से 3 मांग मानी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ आंदोलनरत डॉक्टरों की 16 सितंबर को बैठक हुई थी, जिसमें डॉक्टरों ने 5 मांगे रखी। मुख्यमंत्री ने बताया था कि उनकी 3 मांगे मानी गई हैं।
डॉक्टरों की मांगों में कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सेवा निदेशक देबाशीष हलदर, चिकित्सा शिक्षा निदेशक कौस्तव नायक और स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को हटाने की मांग भी शामिल थी।
सरकार ने गोयल, हलदर और नायक को हटा दिया, जबकि निगम को नहीं हटाया है।
विवाद
क्या है महिला डॉक्टर के रेप और हत्या का मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टर की हत्या से पहले रेप की पुष्टि हुई थी।
मामले में पुलिस ने अस्पताल में आने-जाने वाले एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया गया है।
CBI ने पूर्व प्रधानाचार्य डॉ घोष और थानाप्रभारी अभिजीत मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया है।
डॉक्टर घटना के बाद से हड़ताल पर हैं।