कोलकाता मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष का पंजीकरण रद्द
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ संदीप घोष पर पश्चिम बंगाल चिकित्सा परिषद ने बड़ी कार्रवाई की है। चिकित्सा परिषद ने घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया है। इससे अब घोष राज्य के चिकित्सीय संगठन का हिस्सा नहीं बन सकते हैं और भविष्य में उनकी प्रैक्टिस पर तलवार लटक सकती है। बता दें कि परिषद ने 7 सितंबर को नोटिस जारी कर उनसे 3 दिन में जवाब मांगा था, जिसका घोष ने कोई जवाब नहीं दिया।
IMA ने भी की थी मांग
पश्चिम बंगाल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की इकाई ने भी चिकित्सा परिषद को पत्र लिखकर डॉ घोष का मेडिकल पंजीकरण रद्द करने की मांग की थी। बता दें कि घोष पर कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोप और महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में लापरवाही को लेकर उठे सवालों पर परिषद ने घोष से जवाब मांगा था। परिषद ने चेतावनी थी कि अगर घोष कोई जवाब नहीं देते हैं तो उनका पंजीकरण रद्द किया जाएगा।
2 सितंबर को गिरफ्तार हुए संदीप घोष
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सभागार में 9 अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का रेप हुआ और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद देशभर में विरोध शुरू हो गया। जांच के दौरान CBI को मेडिकल कॉलेज में वित्तीय घोटाले का पता चला, तब उन्होंने डॉ घोष को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया। डॉ घोष न्यायिक हिरासत में हैं। उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी हुआ, जिसमें कई खुलासे हुए हैं। रेप-हत्या मामले में भी उनकी लापरवाही मिली है।
घोष पर क्या है आरोप?
CBI को जांच के दौरान डॉ घोष द्वारा महिला डॉक्टर मामले में हो रही जांच में सहयोग न करने, FIR दर्ज करने में देरी करने और घटना से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ करने के अहम सुराग मिले हैं। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डॉ घोष को वित्तीय अनियमितता के मामले में गिरफ्तार किया था। घोष की कई संपत्तियों की जांच चल रही है। आरोप है कि अपराध की कमाई से यह संपत्ति अर्जित की गई है।