कोलकाता डॉक्टर की रेप-हत्या: सोशल मीडिया के जरिए कैसे फैलाई गई झूठी खबरें और भ्रामक तथ्य?
क्या है खबर?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में पूरे देश में गुस्सा देखने को मिल रहा है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामले की जांच कर रही है, जो पूर्व प्रिंसिपल समेत कई लोगों से पूछताछ कर रही है।
इस मामले में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका सामने आई है। सोशल मीडिया पर मामले से जुड़े कई भ्रामक और झूठे दावे किए गए।
आइए आज ऐसे दावों के बारे में जानते हैं।
तरल
शव पर 150 मिलीग्राम सीमन का मामला
सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स में दावा किया गया का पीड़ित डॉक्टर के शव पर 150 मिलीग्राम सीमन पाया गया। इस आधार पर पीड़िता से गैंगरेप की आशंका जताई गई।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी एक डॉक्टर के हवाले से ये बात कही गई। इस मामले में 2 डॉक्टरों को कोलकाता पुलिस ने समन भी जारी किया था।
दरअसल, शरीर पर 150 मिलीग्राम सीमन नहीं, बल्कि अलग-अलग तरह के कई तरल पदार्थ पाए गए थे।
पेल्विक गर्डल
पेल्विक गर्डल टूटने का दावा
एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए पीड़िता के परिजन ने कहा था, "महिला डॉक्टर के दोनों पैर 90 डिग्री पर फैले हुए थे। ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक पेल्विक गर्डल टूट न जाए, जिसका मतलब है कि उसकी टांगों को चीरा गया था।"
हालांकि, ये बात भी गलत साबित हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि पीड़िता के शरीर पर 14 घाव थे और कोई फ्रैक्चर नहीं था।
तोड़फोड़
घटनास्थल पर तोड़फोड़
कई सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि घटनास्थल पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। ये भी कहा गया कि जिस दिन अस्पताल में तोड़फोड़ हुई तो भीड़ सेमिनार हॉल तक पहुंच गई थी।
कोलकाता पुलिस ने इसका खंडन किया है।
हालांकि, CBI ने कोर्ट में कहा कि उन्हें घटना के 5 दिन बाद जांच का जिम्मा सौंपा गया, तब तक घटनास्थल की हालत पूरी तरह बदल दी गई थी।
CBI का पत्र
CBI का झूठा पत्र भी हुआ था वायरल
इस दौरान सोशल मीडिया पर CBI के नाम से एक फर्जी पत्र भी खूब वायरल हुआ था।
उसमें दावा किया गया कि CBI ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे हेराफेरी के कारण जांच से खुद को अलग करना चाहते हैं।
हालांकि, CBI ने इसका खंडन करते हुए पत्र को झूठा करार दिया है।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर करने के भी कई मामले सामने आए।
मामला
क्या है मामला?
9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सभागार एक 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
घटना सामने आने के बाद पूरे देश में विरोध शुरू हो गया और डॉक्टर अपनी सेवाएं ठप कर हड़ताल पर चले गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच CBI को सौंप दी है।
अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।