टिक-टॉक ने अमेरिका के लिए अलग एल्गोरिथम बनाने के दावों का किया खंडन
शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म टिक-टॉक ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन कर दिया है, जिसमें दावा किया जा रहा था कि टिक-टॉक अमेरिका के लिए एक अलग एल्गोरिदम बना रही है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि टिक-टॉक अमेरिका में प्रतिबंध से बचने के लिए ऐसा कदम उठा रही है। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद टिक-टॉक ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'आज प्रकाशित रॉयटर्स की स्टोरी भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से गलत है।'
अमेरिका के कानून को लेकर टिक-टॉक ने क्या कहा?
अमेरिका में प्रतिबंध से बचने के लिए टिक-टॉक नए कानून का अदालत में विरोध कर रही है। कंपनी ने अदालती फाइलिंग में कहा है कि अमेरिका में टिक-टॉक का संचालन जारी रखने की अनुमति देने के लिए अधिनियम की मांग को पूरा कर पाना व्यावसायिक रूप से, तकनीकी रूप से और कानूनी रूप से भी संभव नहीं है। अगर 270 दिनों में टिक-टॉक को कोई गैर-चीनी खरीदार नहीं खरीदता है तो अमेरिका में इस पर प्रतिबंध लग जाएगा।
टिक-टॉक पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहता है अमेरिका?
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी लंबे समय से टिक-टॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानती रही है। बता दें कि हाल ही पारित किए गए विधेयक में भी टिक-टॉक को चीन के साथ संबंधों के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी का दावा है कि बाइटडांस टिक-टॉक के अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन के साथ साझा करती है, जिससे उसके राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा खतरा है।