कर्नाटक हाई कोर्ट ने निर्मला सीतारमण को राहत, चुनावी बॉन्ड मामले में जांच पर लगाई रोक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य भाजपा नेताओं को कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली मामले में जांच पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 286 के तहत मामले में प्रत्यक्ष धमकी और प्रभावित व्यक्ति की ओर से शिकायत जैसे प्रमुख तथ्य शामिल होने चाहिए। बता दें कि बेंगलुरु की विशेष जनप्रतिनिधि अदालत ने इस मामले में FIR के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या कहा?
हाई कोर्ट के जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा कि जबरन वसूली से संबंधित BNS की धारा 286 में जांच के लिए प्रत्यक्ष धमकी और प्रभावित व्यक्ति की शिकायत जैसे तथ्य जरूरी हैं। शिकायतकर्ता के खिलाफ ऐसी कोई धमकी नहीं दी गई थी और मजिस्ट्रेट के आदेश में जबरन वसूली की बारीकियों पर विचार नहीं किया गया था। ऐसे में जांच पर रोक लगाई जा रही है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है।
क्या है जबरन वसूली का मामला?
गत दिनों जनाधिकार संघर्ष परिषद (JSP) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने विशेष जनप्रतिनिधि अदालत में सीतारमण, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कर्नाटक के पूर्व अध्यक्ष नलिन कुमार कटिल और बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) सहित केंद्रीय एजेंसियों के छापों की धमकी देकर कंपनियों पर चुनावी बांड खरीदने के लिए दबाव डाला था। इस पर कोर्ट ने 28 सितंबर को FIR के आदेश दिए थे।