
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने BRS नेता की जमानत पर टिप्पणी के लिख खेद जताया
क्या है खबर?
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता की जमानत पर अपनी टिप्पणी के लिए खेद जताया और कोर्ट के सम्मान की बात कही।
मुख्यमंत्री रेड्डी ने एक्स पर लिखा, 'भारतीय न्यायपालिका के प्रति मेरा सर्वोच्च सम्मान और पूर्ण विश्वास है। मैं समझता हूं कि 29 अगस्त, 2024 की कुछ प्रेस रिपोर्टों में मेरे नाम से की गई टिप्पणियों से यह आभास हुआ कि मैं कोर्ट की न्यायिक बुद्धि पर सवाल उठा रहा हूं।'
खेद
आगे क्या लिखा रेड्डी ने?
रेड्डी ने आगे लिखा, 'मैं दोहराता हूं कि मैं न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास रखता हूं। मैं प्रेस रिपोर्टों में व्यक्त किए गए बयानों के लिए बिना शर्त खेद व्यक्त करता हूं। ऐसी रिपोर्टों में टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर किया गया है। न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्रता के प्रति मेरे मन में बिना शर्त सम्मान और आदर है। संविधान और उसके लोकाचार में दृढ़ विश्वास रखने वाले के रूप में, मैं न्यायपालिका को सर्वोच्च सम्मान देता हूं और देता रहूंगा।'
विवाद
क्या कहा था रेड्डी ने?
मुख्यमंत्री रेड्डी ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता की जमानत पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि कविता को 5 माह बाद जमानत मिली, जबकि मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद और अरविंद केजरीवाल अभी भी जेल में हैं।
रेड्डी ने कहा कि BRS ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए काम किया, ऐसी भी चर्चा है कि कविता को दोनों के बीच समझौते के कारण जमानत मिली।
फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
रेड्डी की टिप्पणी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो बीआर गवई की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय पीठ ने रेड्डी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा कि उन्हें (रेड्डी) को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बीच कोर्ट को क्यों घसीटना चाहिए।
पीठ ने कहा, "क्या कोर्ट राजनीतिक दलों से परामर्श करने के बाद आदेश पारित करते हैं? हमें राजनेताओं या किसी के द्वारा अपने आदेशों की आलोचना से कोई परेशानी नहीं क्योंकि हम विवेक और शपथ के अनुसार कर्तव्य निभाते हैं।"