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जस्टिस यशवंत वर्मा महाभियोग सिफारिश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जानिए क्या की मांग
जस्टिस यशवंत वर्मा ने महाभियोग सिफारिश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

जस्टिस यशवंत वर्मा महाभियोग सिफारिश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जानिए क्या की मांग

Jul 18, 2025
12:48 pm

क्या है खबर?

घर के अंदर बेहिसाब नकदी मिलने के मामले में फंसे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने मामले की जांच करने वाली समिति के निष्कर्षों को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपनी याचिका में 3 न्यायाधीशों वाली जांच समिति द्वारा उनके अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट को रद्द करने की मांग की है। बता दें कि समिति ने वर्मा के खिलाफ मजबूत सबूत के आधार पर महाभियोग की सिफारिश की है।

तर्क

जस्टिस वर्मा ने याचिका में क्या कहा?

जस्टिस वर्मा ने याचिका में तर्क दिया कि जांच समिति की कार्यवाही ने एक व्यक्ति और एक संवैधानिक पदाधिकारी, दोनों के रूप में उनके अधिकारों का उल्लंघन किया है। समिति ने महत्वपूर्ण तथ्यों की जांच के बिना कार्यवाही समाप्त कर दी तथा गलती से सबूत का भार उन पर डाल दिया। उन्होंने समिति की सिफारिश को रद्द करने के साथ पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना द्वारा की गई महाभियोग की सिफारिश को भी रद्द करने की मांग की है।

महाभियोग

जस्टिस वर्मा के खिलाफ मानसून सत्र में लाया जाएगा महाभियोग प्रस्ताव

केंद्र सरकार की ओर से संसद के मानसून सत्र में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी INDIA गठबंधन के सांसदों ने प्रस्ताव के समर्थन की अपील की है। ऐसे में जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में यात्रिका दायर कर मामले को अटकाने का प्रयास किया है। उनका कहना है कि इस तरह की नकदी की बरामदगी एक संदिग्ध और संज्ञेय अपराध है। पुलिस को इसमें FIR दर्ज कर जांच करनी चाहिए।

कारण

सरकार क्यों लाना चाह रही है माभियोग प्रस्ताव?

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल थे। समिति ने 3 मई को अपनी रिपोर्ट CJI को सौंपी थी और वर्मा दोषी ठहराते हुए इस्तीफे का विकल्प दिया था। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। ऐसे में सरकार ने महाभियोग का निर्णय किया है।

विवाद

क्या है नकदी मिलने का मामला?

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में 14 मार्च आग लग गई थी। उस समय वर्मा शहर में नहीं थे। उनके परिवार ने अग्निशमन और पुलिस को बुलाया। आग बुझाने के बाद टीम को घर से भारी मात्रा में नकदी मिली थी। इसकी जानकारी तत्कालीन CJI संजीव खन्ना को हुई तो उन्होंने कॉलेजियम बैठक बुलाकर न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया। इसके बाद जांच समिति गठित हुई थी।