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कोरोना: नया स्ट्रेन बढ़ा सकता है मौतों और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या- अध्ययन

कोरोना: नया स्ट्रेन बढ़ा सकता है मौतों और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या- अध्ययन

Dec 25, 2020
08:44 am

क्या है खबर?

यूनाइटेड किंगडम (UK) में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन B.1.1.7 के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इसकी गंभीरता को देखते हुए भारत समेत कई देशों ने UK से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। अब एक नए अध्ययन में सामने आया है कि UK में पाया गया नया स्ट्रेन तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है। इससे आने वाले साल में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों की संख्या बढ़ सकती है।

कोरोना वायरस

56 प्रतिशत अधिक संक्रामक है नया स्ट्रेन- अध्ययन

लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना का नया स्ट्रेन 56 फीसदी अधिक संक्रामक है। इससे पहले UK की सरकार ने बताया था कि नया स्ट्रेन पुरानों की तुलना में 70 फीसदी अधिक तेजी से फैलता है। UK के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वैलेंस ने नए स्ट्रेन के बारे में बताते हुए इसमें लगभग दो दर्जन बदलाव हुए हैं, जो कोरोना के प्रोटीन पर असर डाल सकते हैं।

कोरोना का नया स्ट्रेन

चिंता की बात क्या है?

कोरोना का नया स्ट्रेन तेजी से फैलता है। इसका मतलब है कि यह ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लेगा। साथ ही जैसा अध्ययन में सामने आया है कि इसकी वजह से अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी। इससे पहले से दबाव में चल रही स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ना तय है। इनके साथ-साथ सबसे बड़ी चिंता की बात मौतों की संख्या बढ़ने को लेकर जताई जा रही आशंका है।

बदलाव

स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन के कारण अधिक संक्रामक हुआ वायरस

नए स्ट्रेन में कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन में दो म्यूटेशन हुए हैं और इसकी वजह से ये पहले से अधिक संक्रामक हो गया है। बता दें कि स्पाइक प्रोटीन की मदद से ही कोरोना वायरस मानव कोशिकाओं से चिपकता है और इंसान के शरीर में दाखिल होता है। UK के अधिकारी पेशेंट जीरो (सबसे पहला मरीज) की पहचान में भी लगे हुए हैं, ताकि नए स्ट्रेन को पूरी तरह से समझा जा सके।

चिंता

UK में सामने आ चुके हैं दो नए स्ट्रेन

UK में दक्षिण अफ्रीका में मिले एक और स्ट्रेन के भी मामले सामने आ गए हैं। दक्षिण अफ्रीका के इस नए स्ट्रेन को 501.V2 नाम दिया गया है और ये UK के वेरिएंट से अलग है। दोनों में अलग-अलग म्यूटेशन हुए हैं, हालांकि स्पाइक प्रोटीन में N501Y नामक म्यूटेशन इन दोनों वेरिएंट में हुआ है। इस वजह से दक्षिण अफ्रीका भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। नए स्ट्रेन के कारण युवा और स्वस्थ लोग भी बीमार पड़ रहे हैं।