कोरोना वायरस: रैंडम सैंपलिंग की रिपोर्ट में मिले कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होने के संकेत
पिछले कई सप्ताह से इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) देशभर में रैंडम सैंपलिंग टेस्ट कर रही है। इनके जरिये ICMR यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या भारत में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) शुरू हो गया है। इस बार की रिपोर्ट में कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं जो देश के कई इलाकों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होने के संकेत देते हैं। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या होता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन?
कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब शुरू होता है, जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाए, लेकिन यह पता न चले कि वह व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ। यानी जब उसके संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलेगा तो इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन माना जाएगा। अगर कोई ऐसा व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है जो न तो कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से लौटा है और न ही किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है तो इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मामला माना जाएगा।
ICMR की रिपोर्ट में सामने आए ये आंकड़े
15 फरवरी से लेकर 2 अप्रैल तक ICMR ने देशभर में सांस से संबंधित गंभीर बीमारियों (सिवेर एक्युट रेस्पिरेटरी इलनेस) से जूझ रहे 5,911 लोगों के सैंपल लिए थे। इनमें से 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 52 जिलों के 104 लोग (1.8 प्रतिशत) कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। इनमें से 40 मरीज (39.2 प्रतिशत) मरीज ऐसे थे, जो न तो विदेशों से लौटे थे और न ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे।
किस राज्यों में कितने मामले सामने आए?
बिना विदेश से लौटे और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आने वाले 40 मरीज 15 राज्यों 36 जिलों में मिले। गुजरात में सांस संबंधी बीमारी से जूझ रहे 792 मरीजों का टेस्ट किया गया, जिनमें से 13 लोग (1.6 प्रतिशत) कोरोना संक्रमित मिले। इसी तरह तमिलनाडु में 577 में से पांच (0.9 प्रतिशत), महाराष्ट्र में 553 में से 21 (3.8 प्रतिशत) और केरल में 502 में से एक (0.2 प्रतिशत) मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित मिला।
पहले की रिपोर्ट में सामने नहीं आए थे ऐसे मामले
ICMR की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इन जिलों पर ध्यान देने की जरूरत है। संक्रमित मिले 104 मरीजों में केवल दो ऐसे थे, जो कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए, जबकि केवल एक व्यक्ति ऐसा था जो विदेश से लौटा था। संक्रमित पाए गए लोगों की औसतन उम्र 54 साल थी। इससे पहले की गई स्टडी में ऐसा कोई मरीज कोरोना संक्रमित नहीं मिला था।
संक्रमण रोकने के लिए ICMR ने बताई यह रणनीति
ICMR ने निष्कर्ष निकाला है कि जिन जगहों पर सांस से संबंधित गंभीर बीमारियों वाले मरीजों में संक्रमण पाया जा रहा है वहां पर खास ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे मरीजों पर गहन निगरानी रखकर संक्रमण रोकने के प्रयास तेज किए जाने चाहिए।
AIIMS निदेशक कह चुके हैं कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होने की बात
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को देश के कई इलाकों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि मुंबई जैसे कुछ इलाकों में लोकल कम्युनिटी ट्रांसमिशन देेखने को मिला है और कुछ इलाकों में केस तेजी से बढ़े हैं। हालांकि उन्होंने साफ किया कि भारत के ज्यादातर इलाके अभी भी कोरोना वायरस महामारी के दूसरे चरण में हैं और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
ये है देश में संक्रमण की स्थिति
देश में 10 अप्रैल सुबह 8 बजे तक कुल 6,412 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 5,709 सक्रिय मामले हैं, जबकि 503 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं अब तक 199 लोग इसके कारण जान गंवा चुके हैं। भारत में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली इससे सबसे बुरी तरह प्रभावित है। यहां महामारी के अब तक क्रमश: 1,364, 834 और 720 मामले सामने आ चुके हैं।