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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बने CJI, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बने CJI

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ बने CJI, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

Nov 09, 2022
11:00 am

क्या है खबर?

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) का पदभार संभाल लिया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें इस पद की शपथ दिलाई। देश के 50वें CJI चंद्रचूड़ ने यूयू ललित की जगह पदभार संभाला है और वो 10 नवंबर, 2024 तक इस पद पर रहेंगे। उनके पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ सात साल तक देश के मुख्य न्यायाधीश रहे थे और उनके नाम सबसे लंबे समय तक CJI रहने का रिकॉर्ड है।

जानकारी

जन्मदिन से दो दिन पहले बने CJI

11 नवंबर, 1959 को पैदा हुए जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज और फैकल्टी ऑफ लॉ से पढ़ाई की। इसके बाद वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चले गए और 1983 में यहां से LLM की पढ़ाई पूरी की। इसके तीन साल बाद उन्होंने न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट पूरी की। भारत लौटने के बाद उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत की थी। वो 1998-2000 तक देश के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं।

करियर

2000 में बने बॉम्बे हाई कोर्ट के जज

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद से उन्हें 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट का जज बनाया गया। यहां 13 साल सेवाएं देने के बाद 31 मार्च, 2013 को उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। करीब तीन साल तक इस पद पर रहने के बाद 13 मई, 2016 को बतौर जज उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। पुणे में पैदा हुए चंद्रचूड़ के पिता वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें मुख्य न्यायाधीश रहे थे।

परवरिश

संगीतमय माहौल में हुई परवरिश

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, चंद्रचूड़ के पिता और पूर्व CJI वाईवी चंद्रचूड़ एक प्रशिक्षित शास्त्रीय संगीतकार थे और उनकी मांग ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाती थीं। 12 साल की उम्र में चंद्रचूड़ मुंबई से दिल्ली आ गए। यहां अपने पिता के साथ सरकारी बंगले में रहते हुए उनकी दोस्ती केएम जोसेफ से हुई। उनके पिता उस केके मैथ्यू उस समय सुप्रीम कोर्ट में जज थे। आगे चलकर केएम जोसेफ भी सुप्रीम कोर्ट में जज बने।

करियर

मुंबई में बनाया करियर

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद चंद्रचूड़ दिल्ली से वापस मुंबई गए, जहां उन्होंने अपना करियर बनाया। उन्होंने कई मौकों पर बॉम्बे हाई कोर्ट को अपनी मूल अदालत बताते हुए कहा कि इस कोर्ट से उनकी कई यादें जुड़ी हुई हैं। उनके समकालीन उन्हें पहले हरे रंग की एंबेसडर कार से आने वाले वरिष्ठ वकील चंद्रचूड़ और फिर जस्टिस चंद्रचूड़ के तौर पर याद करते हैं। कई उनके स्पष्ट भाषा में लिखे फैसलों की भी सराहना करते हैं।

जानकारी

अपने प्रगतिशील फैसलों के लिए जाने जाते हैं जस्टिस चंद्रचूड़

जस्टिस चंद्रचूड़ को उनके उदारवादी और प्रगतिशील फैसलों के लिए जाना जाता है। सितंबर में उन्होंने अविवाहित महिलाओं के गर्भपात के अधिकार को कायम रखने वाला आदेश जारी किया था। वह सुप्रीम कोर्ट की उस संवैधानिक बेंच में भी शामिल थे जिसने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर किया। इसके अलावा वह निजता को मूल अधिकार घोषित करने वाली और विवाहेत्तर संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने वाली संवैधानिक बेंचों में भी शामिल रहे।