दिल्ली वायु प्रदूषण: मामूली राहत के बाद फिर खराब हुई हवा; आज से खुले प्राइमरी स्कूल
मंगलवार को मामूली सुधार के बाद एक बार फिर दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बदतर हो गई है। बुधवार सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांंक (AQI) 339 पर दर्ज किया गया। इसका मतलब है कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' बनी हुई है। हालांकि, वायु प्रदूषण का स्तर कम होने के बाद सरकार ने प्राइमरी स्कूल खोलने का ऐलान कर दिया था और आज जहरीली हवा में सांस लेते हुए बच्चे स्कूल पहुंचेंगे।
आने वाले घंटों में और प्रदूषित होगी हवा
सोमवार सुबह दिल्ली की 24 घंटे का औसत AQI 354 दर्ज किया गया था, जो मंगलवार शाम को 372 पहुंच गया। अगले दो दिनों में वायु प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की आशंका है। बता दें, 0-50 AQI को अच्छा माना जाता है। 51-100 के बीच यह संतोषजनक, 101-200 तक मध्यम, 201-300 तक खराब, 301-400 तक बहुत खराब और 400 से ऊपर को गंभीर माना जाता है। यानी AQI जितना ज्यादा होगा, हवा उतनी ही ज्यादा प्रदूषित होगी।
मंगलवार को 'गंभीर' श्रेणी में पहुंची कई जगह हवा की गुणवत्ता
मंगलवार शाम को बवाना, जहांगीरपुरी, रोहिणी, विवेक विहार, वजीरपुर और पटपड़गंज समेत दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई थी। कई जगहों पर धुएं की परत भी छाई रही।
आज से खुल जाएंगे स्कूल
वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के चलते बंद किए गए दिल्ली के प्राइमरी स्कूल आज से खुल जाएंगे। दरअसल, दिल्ली सरकार ने सोमवार को प्राइमरी स्कूलों को खोलने और अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश वापस लेने का फैसला किया था। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में हुए सुधार के चलते यह फैसला लिया गया था। दूसरी तरफ पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में भी कमी दर्ज की जा रही है।
पराली जलाए जाने की कितनी घटनाएं कम हुईं?
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को पंजाब में 2,487 जगहों पर पराली जलाई गई, जबकि मंगलवार को 605 जगहों पर ऐसी घटनाएं दर्ज की गई। दिल्ली के प्रदूषण में पराली से निकलने वाले धुएं का योगदान सोमवार को 14 प्रतिशत, जबकि मंगलवार को 9 प्रतिशत रहा। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश का अनुमान है। इस कारण लोगों को धुएं की चादर से राहत मिल सकती है।
वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे 80 प्रतिशत परिवार
दिल्ली-NCR के लगभग 80 प्रतिशत परिवारों के कम से कम एक सदस्य को पिछले कुछ हफ्तों में वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ा है। कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'लोकलसर्कल्स' के सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। सर्वे में 18 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो या उनके परिजन पहले ही डॉक्टर के पास जा चुके हैं, वहीं 22 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके एक या इससे अधिक परिजनों ने डॉक्टर से बात की है।
प्रदूषण के कारण 56 प्रतिशत लोगों की आंखों में जलन
8,097 लोगों पर किए गए इस सर्वे में 69 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जहरीली हवा के कारण उन्हें गले में खराश या खांसी से जूझना पड़ा। इसी तरह 56 प्रतिशत लोगों ने आंखों में जलन, 50 प्रतिशत ने नाक बहने या बंद होने, 44 प्रतिशत ने सांस लेने में दिक्कत या अस्थमा, 44 प्रतिशत ने सिर में दर्द, 44 प्रतिशत ने सोने में दिक्कत और 31 प्रतिशत ने चिंता या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होने की बात कही।