क्या कोरोना वायरस पर काबू पाने के करीब है केरल? आंकड़ों के जरिए जानें
लॉकडाउन के बावजूद भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब तक 8,356 लोगों को इससे संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 273 मरीजों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। हालांकि देश में कोरोना के बढ़ने की रफ्तार बेहद कम रही है। हर राज्य अपनी-अपनी तरह से इस महामारी को काबू करने में लगी हुआ है और केरल इसमें कामयाब होता हुआ नजर आ रहा है। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।
केरल में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
केरल में अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल 373 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से दो लोगों की मौत हुई है और 143 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। कोरोना के कुल मामलों की संख्या में केरल देश के कई राज्यों से पीछे है लेकिन कुछ हफ्ते पहले तक ऐसा नहीं था। कुछ हफ्ते पहले तक केरल में महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक मामले थे लेकिन फिर इन पर काबू पाया गया।
रोजाना ठीक हो रही मरीजों की संख्या नए मामलों से अधिक
केरल में पांच अप्रैल को कोरोना वायरस के 306 मामले थे और छह अप्रैल को आठ नए मामलों के साथ ये आंकड़ा 314 पर पहुंच गया। इसी तरह सात अप्रैल को 13, आठ अप्रैल को नौ, नौ अप्रैल को नौ, 10 अप्रैल को 12 और 11 अप्रैल को सात नए मामले सामने आए। इसका मतलब पिछले छह दिन में कुल 58 नए मामले सामने आए। हालांकि इस दौरान ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 74 रही।
आज भी ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए मामलों से अधिक
अगर आज की भी बात करें तो अब तक राज्य में कोरोना वायरस के नौ नए मामले सामने आ चुके हैं, वहीं 20 लोग पूरी तरह से ठीक हुए हैं। इसका मतलब आज भी ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए मामलों से अधिक है।
एक हफ्ते में किसी मरीज की मौत नहीं
इसके अलावा केरल में पिछले एक हफ्ते में कोरोना वायरस की वजह से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। राज्य में अभी तक कुल दो लोगों की मौत हुई है और उसका मृत्यु दर सबसे कम मृत्यु दर वाले राज्यों में शामिल है। अगर केरल इसी ट्रेंड को बनाए रखता है तो वह ना केवल जल्द ही कर्व फ्लैट करने (नए मामलों की संख्या में रोजाना कमी) में कामयाब रहेगा बल्कि कोरोना मुक्त भी हो सकता है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आंकड़ों को बताया अच्छा संकेत
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन भी इस ट्रेंड पर खुशी जता चुके हैं लेकिन उन्होंने सावधानी और सख्ती बनाए रखने की बात कही है। उन्होंने कहा, "इतने मरीजों का ठीक होना एक अच्छा संकेत है और पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों की संख्या भी कम हुई है। ये आकंड़े दर्शाते हैं कि हमारी बीमारी पर कड़ी पकड़ है और जल्द ही चीजें हमारे पक्ष में होंगी। लेकिन अभी ढील देने का वक्त नहीं आया है।"
सबसे पहले केरल में ही सामने आया था कोरोना का मामला
बता दें कि केरल देश का पहला ऐसा राज्य था जहां कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। यहां 30 जनवरी को चीन के वुहान से लौटी एक छात्रा को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। इसके बाद अगले दो मामले भी केरल से ही सामने आए। हालांकि केरल सरकार ने शुरू में ही अपने पंचायत स्तर के संगठनों को सक्रिय कर दिया और बीमारी को नियंत्रित करने में कुछ हद तक कामयाब रहे।
पूरे भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
रविवार सुबह आठ बजे तक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 8,356 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं 273 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 1,761 संक्रमित हुए हैं और 127 लोगों की मौत हुई है।