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CAA लागू करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, असंवैधानिक बताया गया
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

CAA लागू करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, असंवैधानिक बताया गया

लेखन गजेंद्र
Mar 12, 2024
01:04 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने के एक दिन बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। केरल की राजनीतिक पार्टी ने CAA को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताया और इसके कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि CAA के कार्यान्वयन को तब तक रोकना चाहिए जब तक अधिनियम की संवैधानिक वैधता के खिलाफ 250 लंबित याचिकाओं पर फैसला नहीं आता।

सुनवाई

2019 में भी की थी रोक लगाने की मांग

IUML ने इससे पहले 2019 में भी कानून पर रोक लगाने की मांग की थी। पार्टी का कहना था कि नागरिकता के लिए पात्र लोगों की सूची में मुसलमानों को शामिल नहीं करना संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है। उस समय केंद्र ने कोर्ट को बताया था कि कानून लागू नहीं होगा क्योंकि नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। इस बार याचिका में संविधान की प्रस्तावना को आधार बनाया गया है।

लंबित

सुप्रीम कोर्ट में लंबित है मामला

IUML ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया है कि अगर CAA के तहत नागरिकता दे दी गई और बाद में कोर्ट के फैसले में इसे असंवैधानिक बताया गया तो लोगों से नागरिकता छीन ली जाएगी। पार्टी ने कानून की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न आने तक CAA के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की है। बता दें कि पिछले एक साल से CAA मामले पर सुनवाई नहीं हुई है। IUML ने इसे साफतौर पर मनमाना बताया है।