
भारतीय नौसेना ने अपह्रत जहाज से 17 लोगों को बचाया, 35 लुटेरों ने किया आत्मसमर्पण
क्या है खबर?
भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी बहादुरी की एक और मिसाल कायम की है। नौसेना ने सोमालिया के लुटेरों द्वारा अपहृत किए गए जहाज MV रुएन से चालक दल के 17 सदस्यों को सफलतापूर्वक बचाते हुए सभी 35 समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया। यह पूरा ऑपरेशन करीब 40 घंटे चला।
बता दें कि MV रुएन का 14 दिसंबर, 2023 को सोमालियाई समुद्री लुटेरों ने अपहरण कर लिया था।
हमला
लुटेरों ने नौसेना पर चलाई थी गोलियां
15 मार्च को नौसेना का इस जहाज से संपर्क हुआ था। तब नौसेना ने लुटेरों से आत्मसमर्पण करने को कहा था, लेकिन लुटेरों ने सेना पर गोलियां चलाई थीं, जिसका वीडियो भी सामने आया था।
नौसेना ने कहा था कि 15 मार्च को उसका एक हेलीकॉप्टर जहाज को बचाने के लिए उसके करीब पहुंचा, जिस पर समुद्री लुटेरों ने गोलीबारी कर दी। बाद में सेना ने आत्मरक्षा में कार्रवाई करने की जानकारी भी दी थी।
ऑपरेशन
नौसेना ने कैसे चलाया ऑपरेशन?
नौसेना ने इस ऑपरेशन के लिए P-8I समुद्री गश्ती विमान, फ्रंटलाइन वॉर शिप INS कोलकाता और INS सुभद्रा को उतारा। मानवरहित एयरक्राफ्ट से जहाज पर नजर रखी गई।
इसके बाद समुद्री लुटेरों को पकड़ने और चालक दल को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए 8 समुद्री कमांडो (MARCOS) के एक दस्ते को C-17 विमान से जहाज पर उतारा गया। बाद में जहाज में अवैध हथियारों, गोला-बारूद और तस्करी के सामान की जांच की गई।
जहाज
अपह्रत जहाज को बेस की तरह इस्तेमाल कर रहे थे लुटेरे
लुटेरों ने अपह्रत जहाज को अपना बेस बना लिया था और इसका इस्तेमाल दूसरे जहाजों को लूटने में कर रहे थे।
14 मार्च को समुद्री लूटेरों ने MV रुएन से बांग्लादेश का झंडे लगे जहाज अब्दुल्लाह पर कब्जा करने की कोशिश की थी, जो मोजांबिक से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जा रहा था।
हमले की सूचना मिलते ही भारतीय नौसेना सक्रिय हुई और लुटेरों के प्रयास को विफल कर दिया।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
दरअसल, पहले सोमालिया की अर्थव्यवस्था में मछली का बड़ा योगदान थे। यहां के लोग मछली का व्यापार करते थे, लेकिन 1991 में यहां गृह युद्ध शुरू हो गया।
इसके बाद मछली के रोजगार पर विदेशी कंपनियों ने कब्जा कर लिया और स्थानीय लोग बेरोजगार हो गए।
बेरोजगारी के चलते लोगों ने हथियार उठा लिए और इस इलाके से गुजरने वाले जहाजों को लूटने का काम शुरू कर दिया। अभी सोमालिया के कई समुद्री इलाकों में कोई सरकार नहीं है।