जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने की तैयारी में भारत सरकार, पेगासस के कम चर्चित विकल्पों पर नजर- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारत सरकार जासूसी स्पाइवेयर पेगासस के विकल्प के तौर पर एक नया स्पाईवेयर सिस्टम खरीदने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने करीब 986 करोड़ रुपये का बजट रखा है।
अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के अपनी एक रिपोर्ट में ये बात कही है। खबर के मुताबिक, स्पाइवेयर की खरीद से संबंधित बातचीत कई स्तर पार कर चुकी है।
बता दें कि स्पाइवेयर का इस्तेमाल जासूसी और निगरानी के लिये किया जाता है।
स्पायवेयर
पेगासस के मुकाबले कम उपयोग हुए स्पाइवेयर चाहती है सरकार
अखबार के मुताबिक, सरकार ऐसा स्पाइवेयर सिस्टम खरीदना चाहती है, जिसका इस्तेमाल अन्य जगहों पर पेगासस के मुकाबले कम हुआ हो।
दरअसल, पेगासस से जासूसी का मामला उजागर होने के बाद सरकार नए स्पाइवेयर की तलाश में है।
पेगासस का मामला सार्वजनिक होने के बाद कंपनी ने कहा था कि वह केवल देश की सरकारों को ही यह स्पाइवेयर बेचती है। इसके बाद भारत में इस मामले पर खूब विवाद हुआ था।
लिस्ट
इन स्पाइवेयर्स पर विचार कर रही सरकार
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार पेगासस के विकल्प के तौर पर प्रीडेटर नामक स्पाइवेयर पर विचार कर रही है। इसे इंटलेक्सिया नामक ग्रीस की कंपनी ने इजरायल के सैन्य दिग्गजों के साथ मिलकर बनाया है।
सिटीजन लैब और फेसबुक के अनुसार, मिस्र, सऊदी अरब, मेडागास्कर और ओमान सहित कई देशों में प्रीडेटर पहले से ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसके अलावा क्वॉड्रीम और कॉग्नाइट नामक स्पाइवेयर को खरीदने की भी चर्चाएं चल रही हैं।
बोली
12 कंपनियां लगा सकती हैं बोली
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 12 कंपनियां स्पाइवेयर सर्विस के लिए भारत सरकार के आवेदन पर बोली लगा सकती हैं।
क्वॉड्रीम और कॉग्नाइट के अलावा ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, बेलारूस और साइप्रस की स्पाइवेयर फर्म भी बोली लगा सकती हैं। इनमें से ज्यादातर इजरायली या इजरायल के सहयोग वाली कंपनियां हैं।
बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के पास ऐसे ही स्पाइवेयर हैं, जिन्हें निजी सर्विलांस एजेंसियों ने नहीं, बल्कि देश की ही इंटेलीजेंस एजेंसी ने विकसित किया है।
विवाद
पेगासस को लेकर हुआ था विवाद
2021 में अखबारों और न्यूज पोर्टल के एक समूह ने रिपोर्ट जारी करके दावा किया गया था कि भारत सरकार पेगासस स्पाइवेयर के जरिये कई लोगों की जासूसी करा रही है।
इसमें पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और कारोबारियों समेत कई बड़े लोगों के नाम शामिल थे। रिपोर्ट आने के बाद खूब हंगामा हुआ था।
हालांकि, भारत सरकार और पेगासस को बनाने वाली कंपनी NSO ने तमाम आरोपों से इनकार किया था।
पेगासस
क्या है पेगासस?
पेगासस एक जासूसी सॉफ्टवेयर है, जिसे इजराइल की कंपनी NSO ने बनाया है। इसे किसी भी फोन या किसी अन्य डिवाइस में दूर बैठे इंस्टॉल किया जा सकता है।
इंस्टॉल होने के बाद पेगासस फोन के मैसेज, कॉन्टैक्ट नंबर, कॉल हिस्ट्री, कैलेंडर और ईमेल समेत हर जानकारी चुरा लेता है। ये आपकी लोकेशन भी ट्रैक कर सकता है और आपको पता लगे बिना फोन से ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड कर सकता है।