भारतीय इंजीनियर ने बनाया पानी से चलने वाला इंजन, भारत में नहीं जापान में होगा लॉन्च
क्या है खबर?
आज के समय में पूरी दुनिया में इंधन की काफी कमी हो रही है।
भारत में आए दिन तेल की कीमतें आसमं छू रही हैं, ऐसे में तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक मैकेनिकल इंजीनियर एस कुमारस्वामी ने एक अनोखे तरह के इंजन का अविष्कार किया है।
यह अविष्कार आने वाले समय में इंधन की काफ़ी बचत करेगा, क्योंकि यह तेल से नहीं बल्कि पानी से चलता है। इसे एक बड़े अविष्कार के तौर पर देखा जा रहा है।
जानकारी
प्रशासन की उदासीनता से जापान में लॉन्च होगा इंजन
जहाँ एक तरफ भारत के लिए यह गर्व की बात है, वहीं दूसरी तरफ दुःख इस बात का है कि भारत में प्रशासन की उदासीनता की वजह से इन अनोखे इंजन को जापान में लॉन्च करना पड़ रहा है।
समय
इंजन बनाने में लग गए 10 साल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पानी से चलने वाले इस इंजन को बनाने में कुमारस्वामी ने अपने जीवन के 10 साल लगा दिए।
यह एक इको-फ़्रेंडली इंजन है, जो डिस्टिल्ड वॉटर से चलेगा। यह इको-फ़्रेंडली इसलिए है, क्योंकि यह इंजन धुएँ की जगह ऑक्सीजन छोड़ता है और इंधन की जगह हाईड्रोजन का इस्तेमाल करता है।
कुमारस्वामी के इस अविष्कार को लॉन्च करने में भारतीय प्रशासन ने नहीं बल्कि जापानी सरकार ने मदद की है।
विशेषता
पानी से चलने वाला दुनिया का पहला इंजन
पानी से चलने वाले इस ख़ास इको-फ़्रेंडली इंजन को बनाने वाले कुमारस्वामी का दावा है कि इस इंजन को विकसित करने में उन्हें 10 साल लग गए।
उन्होंने अपने इस अविष्कार के बारे में यह भी दावा किया कि यह अपने तरह का दुनिया का पहला इंजन है।
उन्होंने ANI को बताया, "इस इंजन को बनाने में मुझे 10 साल लग गए और यह इंजन इंधन के रूप में हाईड्रोजन का इस्तेमाल करता है एवं ऑक्सीजन छोड़ता है।"
मदद
कम होगी इंधन की किल्लत
कुमारस्वामी ने कहा, "मेरा सपना था कि इस इंजन को मैं भारत में लॉन्च करूँ, इसलिए मैंने सभी प्रशासनिक दरवाज़े खटखटाए, लेकिन मुझे कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। इसलिए मैंने जापान सरकार से मदद माँगा और मुझे वहाँ अवसर मिला।"
जानकारी के अनुसार, दुनिया के इस सबसे अनोखे इंजन को जल्द ही जापान में लॉन्च किया जाएगा। यह विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे इंधन की किल्लत कम होगी।
ट्विटर पोस्ट
कुमारस्वामी ने ANI को दी जानकारी
Sounthirajan Kumarasamy: My dream is to introduce this engine in India, I knocked all the doors of the administrators but couldn't get a positive response. So, I approached the Japan govt got the opportunity, this engine will be introduced in Japan in the coming days. (10.5.19) pic.twitter.com/RXFesapvr2
— ANI (@ANI) May 10, 2019