अलवर गैंगरेप मामलाः पुलिस ने किया चुनाव खत्म होने का इंतजार, हफ्ते बाद हुई पहली गिरफ्तारी
राजस्थान पुलिस को अलवर गैंगरेप के आरोपी की गिरफ्तारी करने में सात दिन लग गए। दलित महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी कि अलवर में उसके पति के सामने पांच लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया था। एक हफ्ते बाद इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है। इन सात दिनों में आरोपियों ने पीड़ित परिवार को धमकियां दी, उनसे 10,000 रुपये की मांग की और रेप का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया।
पुलिस ने किया चुनाव खत्म होने का इंतजार
पुलिस की लापहवाही की इंतेहा देखिये कि उसने शिकायतकर्ता और उसके परिवार को राजस्थान में चुनाव हो जाने तक का इतंजार करने को कहा। अलवर समेत राजस्थान की 12 लोकसभा सीटों पर 6 मई को वोट डाले गए थे। इसके अगले दिन यानी 7 मई को पुलिस ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी की। पुलिस के पास 30 अप्रैल को गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस एक सप्ताह में पुलिस की तरफ से घोर लापरवाही की गई।
राज्य सरकार ने उठाए ये कदम
विवाद बढ़ने पर अलवर के SP को हटा दिया गया और कार्रवाई न करने के कारण स्थानीय SHO को निलंबित किया गया है। मामले के तूल पकड़ने पर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह मामला केस ऑफिसर स्कीम के तहत लिया गया है जहां पुलिस इस पूरे मुकदमे की देखरेख करेगी। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों की देखरेख के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति और SP कार्यालय में FIR दर्ज करवाने के प्रावधान की घोषणा की है।
26 अप्रैल को हुई थी घटना
कुछ लोगों ने अलवर-थानागाजी हाइवे पर जा रहे एक दंपत्ति का अपहरण कर महिला के साथ गैंगरेप किया और इस घटना का वीडियो बना लिया। आरोपियों ने पीड़िता के पति के साथ भी मारपीट की और उनसे 2,000 रुपये लूट लिए। शिकायतकर्ता के देवर के मुताबिक, आरोपियों ने पीड़िता के पति को 28 अप्रैल को फोन कर उससे 10,000 रुपये की मांग की। उन्होंने धमकी दी कि अगर ये पैसे नहीं दिए गए तो वो वीडियो को वायरल कर देंगे।
FIR के लिए खाई दर-दर की ठोकरें
शिकायतकर्ता मामले की शिकायत को लेकर थानागाजी पुलिस स्टेशन गए, लेकिन यहां उनकी FIR दर्ज नहीं की गई। इसके बाद वे SP कार्यालय में गए, जहां SP ने उनकी शिकायत पर अपनी टिप्पणी लिखकर उन्हें थानागाजी पुलिस स्टेशन भेज दिया। यहां पुलिस ने पीड़िता के पति को आरोपियों की पहचान के लिए रात भर थाने में रखा, लेकिन किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया। पुलिस ने शिकायतकर्ता को चुनाव खत्म होने तक इंतजार करने को कहा।
3 मई तक नहीं हुए पीड़िता के बयान दर्ज
पुलिस को शिकायत देने की तीन दिन बाद 3 मई को FIR दर्ज की गई और उसी दिन पीड़िता का मेडिकल टेस्ट किया गया, लेकिन 3 मई तक पीड़िता के बयान दर्ज नहीं किए गए और न ही मामले में किसी की गिरफ्तारी हुई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इसके बाद गैंगरेप का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पीड़िता के देवर ने बताया कि वो वीडियो की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे। वहां उन्हें कहा गया कि चुनावों में ड्यूटी के चलते यहां पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है और उन्हें अलवर जाना होगा। अगले तीन दिन बाद दौसा में चुनाव खत्म होने के बाद पहले आरोपी की गिरफ्तारी हुई। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि चुनावों की वजह से इस प्रक्रिया में देर हुई है।
राज्य सरकार ने लापरवाही की जांच के आदेश
जयपुर के IGP एस सेंगाथीर ने कहा कि FIR दर्ज करने में दो दिन की देरी हुई है। उन्होंने कहा, "यह गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने SHO को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच जारी है। छुट्टियों के चलते शनिवार से मंगलवार तक अदालत बंद थी। इस वजह से पीड़िता के बयान दर्ज नहीं हो पाए।" 9 मई तक पुलिस इस घटना के पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई थी।