न्यूजीलैंड में मस्जिदों पर हुए हमले का बदला लेने के लिए हुए श्रीलंका में बम धमाके
क्या है खबर?
श्रीलंका में हुए बम धमाकों की शुरुआती जांच में इसका न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर हुए हमले से संबंध होने के सबूत मिले हैं।
श्रीलंका के उप रक्षा मंत्री रुवान विजेवर्धने ने देश की संसद को बताया कि ये धमाके क्राइस्टचर्च मस्जिद हमले के प्रतिशोध में किए गए थे।
हमले होने के ठीक बाद से ही ऐसी संभावनाएं जताई जा रही थीं। बता दें कि इन बम धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 321 हो चुकी है।
क्राइस्टचर्च मस्जिद हमला
कब और क्यों हुआ था क्राइस्टचर्च की मस्जिदों पर हमला?
15 मार्च को एक आतंकवादी ने न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च स्थित अल नूर मस्जिद और लिनवूड मस्जिद को उस समय निशाना बनाया था, जब वहां लोग नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे।
इस हमले में 50 लोग मारे गए थे। श्वेत वर्चस्व का कट्टर समर्थक यह आतंकवादी यूरोपीय देशों में आप्रवासियों की बढ़ती आबादी से नाराज था।
उसने यूरोप में आतंकी हमलों में मारे गए लोगों का बदला लेने के लिए यह हमला किया था।
श्रीलंका सरकार
सरकार ने माना, सुरक्षा में चूक के कारण हुए बम धमाके
क्राइस्टचर्च हमले से संबंध पर रक्षा राज्य मंत्री विजेवर्धने ने संसद को जानकारी देते हुए कहा, "शुरुआती जांच में सामने आया है कि रविवार को श्रीलंका में जो हुए, वह क्राइस्टचर्च में मुस्लिमों पर हुए हमले के प्रतिशोध में किया गया था।"
हालांकि उन्होंने इससे संबंधित कोई भी सबूत संसद में पेश नहीं किया।
इस बीच उन्होंने यह भी माना कि सुरक्षा में चूक के कारण आतंकी बम धमाकों को अंजाम देने में कामयाब रहे।
संबंध
पहले से थी दोनों हमलों के बीच संबंध की आशंका
ईसाइयों के सबसे पवित्र त्यौहार ईस्टर के मौके पर चर्चों में बम धमाके होने के बाद से ही इन धमाकों के क्राइस्टचर्च मस्जिद हमले से संबंध होने की आशंका जताई जा रही थी।
ईस्टर होने के कारण चर्चों में भीड़ भी अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा थी।
इससे साफ हो गया था धमाकों के निशाने पर मुख्य तौर पर अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय था।
बता दें कि श्रीलंका की कुल 2.14 करोड़ जनसंख्या में 8 प्रतिशत से भी कम ईसाई हैं।
जानकारी
सरकार ने जिहादी संगठन नेशनल तौहीद जमात को ठहराया जिम्मेदार
श्रीलंका सरकार ने बम धमाकों के लिए जिहादी संगठन नेशनल तौहीद जमात को जिम्मेदार ठहराया है और इसमें विदेशी संगठनों को हाथ होने की बात भी कही है। पुलिस हमलों के संबंध में मंगलवार सुबह तक 40 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
खुफिया असफलता
नाकामी के लिए शीर्ष पुलिस अधिकारी के इस्तीफे की मांग
बता दें कि रविवार को हुए इन बम धमाकों के बारे में पहले से ही खुफिया जानकारी मौजूद थी।
भारत ने 4 अप्रैल को श्रीलंका को चर्चों और होटलों पर हमले के बारे में अलर्ट जारी किया था।
वहीं, श्रीलंका पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदरा ने भी धमाकों से 10 दिन पहले खुफिया अलर्ट जारी किया था।
इसके बावजूद हमला रोकने में नाकाम रहने के लिए स्वास्थ्य मंत्री रंजीता सेनारत्ने ने शीर्ष पुलिस अधिकारी का इस्तीफा मांगा है।