कोरोना वायरस वैक्सीन: भारत ने प्री-ऑर्डर की 60 करोड़ खुराकें, अमेरिका के बाद सर्वाधिक
क्या है खबर?
भारत ने अपनी उत्पादन क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए कोरोना वायरस की वैक्सीन की 60 करोड़ खुराक का प्री-ऑर्डर कर दिया है। साथ ही वह लगभग 100 करोड़ अन्य खुराकों के लिए बातचीत कर रहा है।
इतनी खुराकों के साथ भारत अपनी लगभग आधी आबादी को कोरोना वायरस संक्रमण से बचा सकता है। एक वैश्विक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
गौरतलब है कि महामारी से बचाव के लिए दो खुराक की जरूरत होगी।
जानकारी
अमेरिका ने प्री-ऑर्डर की 81 करोड़ खुराकें
वैक्सीन की खुराक का ऑर्डर करने के मामले में भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। अमेरिका ने 81 करोड़ खुराकों का प्री-ऑर्डर कर दिया है और 160 करोड़ अन्य खुराकों के लिए कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है।
विश्लेषण
तीन-चार सालों में बनेगी पूरी आबादी के लिए वैक्सीन
अमेरिका स्थित ड्यूक ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के विश्लेषण में पता चला है कि दुनिया की पूरी आबादी के लिए वैक्सीन का उत्पादन करने में तीन-चार साल का समय लग सकता है, लेकिन कुछ अमीर और भारत जैसे कुछ कम आय वाले देश, जिनके पास उत्पादन क्षमता है, उन्होंने पहले से ही वैक्सीन की 350 करोड़ खुराकें खरीद ली हैं।
उनके पास अभी भी लगभग 500 करोड़ अन्य खुराकें खरीदने का विकल्प है।
कोरोना वायरस
किस देश ने खरीदी कितनी वैक्सीन?
वैक्सीन की खरीदी जा चुकी खुराकों के मामले में अमेरिका सबसे आगे है। उसने वैक्सीन की 81 करोड़ खुराकें खरीद ली हैं और 160 करोड़ के लिए बातचीत कर रहा है।
दूसरे नंबर पर मौजूद भारत ने 60 करोड़ खुराक प्री-ऑर्डर कर दी है और 100 करोड़ के लिए बातचीत कर रहा है।
इसके बाद यूरोपीय संघ का नंबर आता है, जिसने 40 करोड़ खुराक प्री-ऑर्डर की है और 150 करोड़ के लिए कंपनियों के साथ बात कर रहा है।
पेंच
केवल हरी झंडी मिलने वाली वैक्सीन्स की होगी खरीद
यह विश्लेषण करने वाली टीम की प्रमुख एंड्रिया डी टेलर कहती हैं कि यह याद रखने वाली बात हैं कि इनमें से केवल वहीं वैक्सीन खरीदी जाएंगी, जिन्हें नियामकीय मंजूरी मिलेगी।
चूंकि अभी तक किसी भी वैक्सीन को हरी झंडी नहीं मिली है इसलिए सरकारें अलग-अलग कंपनियों के साथ संभावित वैक्सीन को लेकर समझौते कर रही हैं।
संभावित वैक्सीन्स में से केवल उन्हीं की खरीद की जाएगी, जिन्हें अलग-अलग देशों में नियामकीय मंजूरी मिलेगी।
बयान
"दुनिया को महामारी से बचाने के लिए वैक्सीन बना रहा भारत"
भारत द्वारा वैक्सीन प्री-ऑर्डर करने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि दुनिया को महामारी से बचाने के लिए भारत वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। ऐसे में उसे अपने नागरिकों की सुरक्षा का भी ख्याल रखना होता है।
चिंता
कोवैक्स अभियान के लिए खरीदी गई केवल 25 करोड़ खुराकें
एक तरफ जहां कई अमीर देशों ने अपनी पूरी आबादी को महामारी से बचाने के लिए वैक्सीन की पर्याप्त खुराकें खरीद ली हैं, वहीं दूसरी तरफ गरीब और कम आय वाले देशों को ऐसा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
कोरोना वायरस वैक्सीन के समान वितरण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नेतृत्व में बनाए गए कोवैक्स अभियान में अभी तक केवल 25 करोड़ खुराकों की खरीद की गई है।
कोवैक्स
जरूरत की तुलना में बेहद कम हुई है खरीद
कोवैक्स की अब तक की खरीद उसकी कुल जरूरत की तुलना में बेहद कम है।
कोवैक्स को उसके 20 प्रतिशत सदस्य देशों की जरूरत पूरा करने के लिए एक खुराक वाली कम से कम 114 करोड़ वैक्सीन की जरूरत है।
अगर एक खुराक वाली वैक्सीन उपलब्ध नहीं होती है तो उसे इसकी दोगुनी संख्या में खुराकों की जरूरत होगी।
विश्लेषण के अनुसार, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे देश इसके सदस्य हैं, लेकिन वो इसे गंभीरता से नहीं ले रहे।
कोरोना वायरस
वैक्सीन के इंतजार के बीच बढ़ रहा महामारी का प्रकोप
वैक्सीन के लंबे होते इंतजार के बीच दुनिया में महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है।
दुनियाभर में लगभग 4.64 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और 11.99 लाख लोगों की मौत हुई है।
सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 92 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और लगभग 2.31 लाख लोगों की मौत हुई है।
संक्रमितों के मामले में दूसरे नंबर पर मौजूद भारत में 82.29 लाख लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 1.22 लाख मौतें हुई हैं।