'कोवैक्सिन' के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी में जुटा AIIMS, जल्द भेजेगा प्रस्ताव
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चल रही जंग में इसकी वैक्सीन को ही पुख्ता इलाज माना जा रहा है। ऐसे में दुनियाभर के तमाम देशों में वैक्सीन के परीक्षण चल रहे हैं। इसी तरह भारत में भी कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल करने में जुटे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने अब भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई वैक्सीन 'कोवैक्सिन' के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी शुरू कर दी है। अगले सप्ताह वह इसके लिए प्रस्ताव भेजेगा।
कंपनी को पिछले सप्ताह मिली थी तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी
बता दें कोवैक्सिन के पहले दो चरणों के परिणाम बेहतर आने के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कंपनी द्वारा भेजे गए तीसरे चरण का ट्रालय के प्रस्ताव को 22 अक्टूबर को मंजूरी दी थी। इसके बाद AIIMS ने तैयारी शुरू की है।
तैयार किया जा रहा है प्रस्ताव- AIIMS अधिकारी
दिल्ली AIIMS के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय राय ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि वह कॉवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और आगामी कुछ दिनों वह इसे मंजूरी के लिए एथिक्स कमेटी संस्थान को भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संस्थान की आचार समिति द्वारा मंजूरी दिए जाने तक क्लिनिकल ट्रायल शुरू नहीं किया जाएगा।
200-300 पन्नों का होगा प्रस्ताव- डॉ राय
डॉ राय ने कहा, "प्रस्ताव 200-300 पन्नों का होगा। विचार यह है कि अब तक के काम की समीक्षा की जाए और अगर कोई कमी रह गई है तो उसे खत्म करें। इसमें सभी तरह की चिंताओं को शामिल किया जाएगा। सामान्य तौर पर जो भी चिंताएं जाहिर की जाती हैं उससे काम को सुधारने में मदद मिलती है।" उन्होंने कहा कि पहले चरणों के लिए 30 जून को प्रस्ताव भेजा था और 18 जुलाई को स्वीकृति मिली थी।
पहले चरण के ट्रायल के बाद सुरक्षा को नहीं उठा कोई मुद्दा
बता दें कि कोवैक्सिन के पहले चरण के ट्रायल के बाद सुरक्षा को लेकर कोई मुद्दा सामने नहीं आया था। इसी तरह दूसरे चरण के लिए भी सुरक्षा परीक्षण खत्म हो गया है। अब वैक्सीन की शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया जानने के लिए इम्युनोजेनेसिटी परीक्षण चल रहा है। तीसरे चरण के लिए, भारत बायोटेक ने 13-14 राज्यों में 25-30 अस्पताल साइटों पर 26,000 वॉलेंटियरों की भर्ती करने की योजना बनाई है। AIIMS 2,000-5,000 वॉलेंटियरों पर परीक्षण करेगा।
कोवैक्सिन के निर्माण में किया गया है निष्क्रिय Sars-Cov-2 वायरस का उपयोग
भारत बायोटेक ने वैक्सीन निर्माण के लिए ICMR की ट्रांसलेशनल साइंस सेल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ भागीदारी की है। संभावित वैक्सीन में एक निष्क्रिय Sars-Cov-2 वायरस का उपयोग किया गया है और उपचार के लिए 14 दिनों के अंतराल के भीतर इसकी दो खुराक की आवश्यकता होगी। कोवैक्सिन भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन है। तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के आधार पर वैक्सीन की प्रभावशीलता को निर्धारित किया जाएगा।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 48,268 नए मामले सामने आए और 551 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 81,37,119 हो गई है, वहीं 1,21,641 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 5,82,649 हो गई है। बता दें कि देश में पिछले छह दिन से 50,000 से कम नए मामले सामने आ रहे हैं।