1,850 रुपये से 2,800 रुपये के बीच रहेगी मॉडर्ना की कोरोना वायरस वैक्सीन की कीमत
क्या है खबर?
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन को सरकारों को प्रति खुराक 25 डॉलर से लेकर 37 डॉलर (लगभग 1,850 रुपये से 2,800 रुपये) की कीमत पर बेचेगी।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) स्टीफन बेंसल ने अपने एक इंटरव्यू में ये जानकारी दी है।
जर्मनी के एक साप्ताहिक अखबार के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हमारी वैक्सीन की कीमत फ्लू की वैक्सीन के बराबर ही है, जो 10 डॉलर से 50 डॉलर के बीच होती हैं।"
इंटरव्यू
जल्द हो सकता है मोडर्ना और यूरोपीय संघ के बीच सौदा
बेंसल ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि उनकी कंपनी यूरोपीय संघ के साथ एक सौदा करने के नजदीक है और कुछ दिन ही दिनों में दोनों के बीच कॉन्ट्रैक्ट हो सकता है।
उन्होंने कहा, "अभी तक किसी चीज पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं, लेकिन हम यूरोपीय संघ आयोग के साथ एक सौदे के नजदीक हैं। हम यूरोप में आपूर्ति करना चाहते हैं और इस संबंध में रचनात्मक बातचीत हो रही है।"
सौदा
प्रति खुराक 25 डॉलर से कम की कीमत पर सौदा करना चाहता है यूरोपीय संघ
इससे पहले इसी सोमवार को मामले से संबंधित यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने कहा था कि संघ मॉडर्ना के साथ प्रति खुराक 25 डॉलर से कम की कीमत पर वैक्सीन की करोड़ों खुराकों का सौदा करना चाहता है।
बता दें कि यूरोपीय संघ जुलाई से ही मॉडर्ना के साथ उसकी संभावित वैक्सीन को लेकर बातचीत कर रहा है और अब इसके अंतरिम नतीजे सामने आने के बाद बातचीत में तेजी लाई गई है।
ट्रायल
अंतरिम नतीजों में 94.5 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है मॉडर्ना की वैक्सीन
मॉडर्ना ने पिछले हफ्ते ही mRNA तकनीक पर आधारित अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल के अंतरिम नतीजे जारी किए थे और इसमें वैक्सीन को 94.5 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।
ट्रायल में शामिल 30,000 लोगों में से 95 के संक्रमित पाए जाने के बाद किए गए विश्लेषण में ये नतीजा सामने आया। संक्रमित पाए गए लोगों में 90 लोग ऐसे थे जिन्हें प्लेसीबो दिया गया था और मात्र पांच ऐसे थे जिन्हें वैक्सीन दी गई थी।
खासियत
2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर एक महीने स्थिर रह सकती है वैक्सीन
मॉडर्ना की वैक्सीन के साथ सबसे अच्छी बात है कि इसे फाइजर की वैक्सीन की तरह अल्ट्रा-फ्रीज की जरूरत नहीं है और ये 36 डिग्री फारेनहाइट से लेकर 46 डिग्री फारेनहाइट (2 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस) के तापमान पर एक महीने स्थिर रह सकती है।
इससे वैक्सीन के वितरण में आसानी होगी और जरूरत पड़ने पर भारत जैसे देशों में भी इसका आसानी से वितरण किया जा सकता है।
आपूर्ति
अमेरिका को जाएंगी मॉडर्ना की शुरूआती खुराकें, इसी साल देगी दो करोड़ खुराकें
मोडर्ना को कोरोना वैक्सीन के विकास और वितरण के लिए चलाए गए अमेरिकी सरकार के 'ऑपरेशन वार्प स्पीड' के तहत लगभग एक अरब डॉलर की फंडिंग मिली है और इसलिए उसकी शुरूआती खुराकें अमेरिका को ही जाएंगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी इसी साल अमेरिका को दो करोड़ खुराकें देगी और इसमें से कई लाख खुराकों का उत्पादन हो भी चुका है।
कंपनी जल्द ही आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी के लिए आवेदन भी करेगी।