दाऊद इब्राहिम और सैयद सलाहुद्दीन को भारत के हवाले कर सकता है पाकिस्तान- रिपोर्ट
आतंकियों को पनाह देने के आरोपों से घिरा पाकिस्तान जल्द ही कुछ बड़े कदम उठा सकता है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पाकिस्तान आतंकियों पर कार्रवाई करते हुए दिखने के लिए दाऊद इब्राहिम और सैयद सलाहुद्दीन को भारत के हवाले कर सकता है। अब तक पाकिस्तान की तरफ से उठाए गए कदम महज दिखावा साबित हुए हैं। ऐसे में पाकिस्तान कुछ कठोर कार्रवाई करते हुए दिखना चाहता है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे बेबस पाकिस्तान
खबर के मुताबिक, पाकिस्तान ने पुलवामा हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है, यह अभी तक साफ नहीं है। बता दें, पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। ऐसे में पाकिस्तान इन दो बड़े आतंकियों को भारत को सौंपकर दुनिया को दिखाना चाहता है कि वह आतंक के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। पाकिस्तान पर दुनियाभर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव है।
मुंबई हमलों का दोषी है दाऊद
1993 के मुंबई हमलों में वांछित दाऊद इब्राहिम को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया है। इन हमलों में 257 लोग मारे गए थे। दाऊद अभी कराची में रहता है। वहीं सैय्यद सलाहुद्दीन को भी वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है। आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना सैय्यद रावलपिंडी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से अपनी गतिविधियां चलाता है। भारत में हुए कई हमलों के पीछे हिज्बुल मुजाहिद्दीन का हाथ बताया जाता है।
मसूद अजहर के मामले में भारत करेगा इंतजार
पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लाए थे, लेकिन चीन ने इस पर वीटो कर दिया। भारत ने चीन के इस कदम पर निराशा जताई है, लेकिन साथ ही कहा कि चीन को इस मामले में जितना समय चाहिए वह ले सकता है। भारत इंतजार करने को तैयार है, लेकिन इस मामले में किसी प्रकार की डील नहीं की जाएगी।
चीन ने लगाई 'तकनीकी रोक'
अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की '1267 अल कायदा सैंक्शन्स कमेटी' के तहत फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रस्ताव पेश किया था। इस पर विचार करने के लिए 10 कार्य दिवस का समय दिया गया था। यह अवधि 13 मार्च को रात 12:30 बजे खत्म होनी थी। इससे पहले चीन ने इस पर 'तकनीकी रोक' लगा दी। चीन ने कहा है कि उसे प्रस्ताव पर विचार करने के लिए और वक्त चाहिए।