प्रदूषण मुक्ति के लिए पाकिस्तान की अनोखी पहल, गाय के गोबर से चलाएगा बसें, जानें कैसे

आज के समय में प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। प्रदूषण से निपटने के लिए सभी देश अपने-अपने स्तर पर प्रयासरत हैं। वायु प्रदूषण से बचने के लिए कई देश अपने शहरों में बड़े-बड़े एयर प्यूरीफायर लगा रहे हैं, तो वहीं पाकिस्तान ने इससे बचने के लिए एक अनोखा क़दम उठाया है। जानकारी के अनुसार अब पाकिस्तान पेट्रोल-डीज़ल से नहीं बल्कि गाय के गोबर से बसें चलाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
आपको यह जानकर भले ही हैरानी हो रही होगी, लेकिन पाकिस्तान अपने सबसे बड़े शहर कराची की हवा को साफ करने के लिए 'इंटरनेशनल ग्रीन क्लाइमेट फ़ंड' की मदद से वहाँ पर शून्य उत्सर्जन वाली ग्रीन बसें चलाएगा। ख़बरों के अनुसार 2020 से 200 बसें BRT (बस रैपिड ट्रांजिट) कॉरिडोर में चलाई जाएँगी। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इन 200 बसों के लिए ईंधन गाय के गोबर से जुटाया जाएगा।
बसों का यह ख़ास नेटवर्क हर रोज़ लगभग 3 लाख 20 हज़ार यात्रियों को लाभ देगा। इसकी मदद से पाकिस्तान हर साल 26 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकेगा, जो 30 सालों के बराबर होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार कराची में लगभग चार लाख दुधारू गाय-भैंस हैं। इनके गोबर को इकट्ठा करके बायो मीथेन गैस बनाई जाएगी और इसी से बसों को भी चलाया जाएगा। इस अनोखे प्रोजेक्ट से न केवल हवा, बल्कि समुद्र को भी प्रदूषण से बचाया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कराची में हर रोज़ लगभग 3,200 टन गोबर और पेशाब समुद्र में प्रवाहित किया जाता है, जो इस प्रोजेक्ट के काम आ जाएगा।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के क्लाइमेट चेंज सलाहकार मलिक अली असलम का कहना है कि BRT सिस्टम पहला ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट है, जिसे 'इंटरनेशनल ग्रीन क्लाइमेट फ़ंड' ने मंज़ूरी दी है। यह प्रोजेक्ट पर्यावरण को फ़ायदा पहुँचाने के साथ-साथ कई आर्थिक लाभ भी देगा। हालाँकि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में अभी चार साल का समय लगेगा। कराची में सफलता के बाद इस प्रोजेक्ट को लाहौर, मुल्तान, पेशावर और फ़ैसलाबद जैसे शहरों में भी लागू किया जाएगा।
बता दें कि 'इंटरनेशनल ग्रीन क्लाइमेट फ़ंड' विकासशील देशों की मदद करता है, ताकि वह स्वच्छता के साथ आगे बढ़ सकें। इस संगठन ने कराची प्रोजेक्ट के लिए पाकिस्तान को लगभग Rs. 3 अरब 44 करोड़ दिए हैं।