
गन्ने की कम पैदावार के कारण चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकता है भारत- रिपोर्ट
क्या है खबर?
केंद्र सरकार जल्द ही चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कम बारिश के कारण गन्ने की पैदावार में आई भारी कमी की वजह से सरकार अक्टूबर से शुरू हो रहे अगले सीजन में चीनी मिलों को निर्यात करने से रोक देगी।
सरकार ने वर्तमान सीजन के दौरान 30 सितंबर तक केवल 61 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी है, जबकि पिछले सीजन में 1.1 करोड़ टन चीनी निर्यात हुई थी।
बयान
अधिकारियों ने क्या कहा?
एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया, "हमारी प्राथमिकता देश की चीनी आवश्यकताओं को पूरा करना है और बचे हुए गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन करना है। आगामी सीजन के लिए हमारे पास निर्यात के कोटा को आवंटित करने के लिए पर्याप्त चीनी उपलब्ध नहीं होगी।"
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि महंगाई चिंता का विषय है और चीनी की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी ने निर्यात की किसी भी संभावना को खत्म कर दिया है।
बारिश
महाराष्ट्र्र और कर्नाटक के गन्ना उत्पादक जिलों में हुई कम बारिश
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, महाराष्ट्र और कर्नाटक के शीर्ष गन्ना उत्पादक जिलों में मानसून की बारिश अब तक औसत से 50 प्रतिशत कम रही है। ये जिले भारत के कुल चीनी उत्पादन में आधे से अधिक की हिस्सेदारी रखते हैं।
एक विशेषज्ञ ने कहा कि कम बारिश होने के कारण 2023-24 के सीजन में निश्चित तौर पर चीनी का उत्पादन प्रभावित होगा और 2024-25 सीजन में रोपण में भी कमी आ सकती है।
रिपोर्ट
भारत के चीनी उत्पादन में आई है कमी
एक अधिकारी ने कहा, "हमने पिछले 2 वर्षों के दौरान मिलों को बड़ी मात्रा में चीनी निर्यात करने की अनुमति दी है, लेकिन हमें देश के अंदर पर्याप्त आपूर्ति और स्थिर कीमतें भी सुनिश्चित करनी होंगी।"
बतौर रिपोर्ट्स, गन्ने की पैदावार कम होने के कारण 2023-24 सीजन में भारत का कुल चीनी उत्पादन 3.3 प्रतिशत गिरकर 3.17 करोड़ टन हो सकता है।
गौरतलब है कि बीते कुछ सप्ताह में चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
जानकारी
प्रतिबंध से वैश्विक बाजार में चीनी की कीमतों में होगा भारी उछाल
रॉयटर्स के मुताबिक, सरकार यदि 7 वर्षों में पहली बार चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा देती है तो वैश्विक बाजार में चीनी की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। भारत ने 2016 में चीनी पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था।
प्रतिबंध
प्याज पर लगाया गया है 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह प्याज के निर्यात को घटाने और घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने की घोषणा भी की थी।
इससे पहले जुलाई में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। चावल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए ये फैसला लिया गया था। वैश्विक चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है।
2022 में गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई गई थी।