केंद्र सरकार ने किया स्पष्ट, लैपटॉप-कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से नहीं होगा लागू
केंद्र सरकार द्वारा लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर (PC) के आयात पर लगाया गया प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया कि प्रतिबंध को लागू करने से पहले ट्रांजिशन अवधि दी जाएगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा था कि भारत में बिक्री के लिए लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट का आयात करने वाली कंपनियों को अब से वैध लाइसेंस लेना होगा।
लोगों के लिए विश्वसनीय हार्डवेयर सुनिश्चित करना चाहते हैं- मंत्री चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, 'भारत लैपटॉप और सर्वर समेत अन्य डिजिटल उत्पादों के लिए दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। भारत और इसके डिजिटल नागरिक आने वाले तकनीक के दशक में लाखों डिजिटल उत्पादों का इस्तेमाल करेंगे।' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का उद्देश्य लोगों के लिए विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम सुनिश्चित करना, आयात पर निर्भरता कम करना और इस श्रेणी के उत्पादों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है।
'भारत में विश्वसनीय और सत्यापित प्रणालियों का इस्तेमाल होगा सुनिश्चित'
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर के आयात पर लगाया गया प्रतिबंध लाइसेंस राज के बारे में नहीं है। उन्होंने लिखा, 'इन उत्पादों के आयात को विनियमित करने से भारत में विश्वसनीय और सत्यापित प्रणालियां का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस कदम से सुनिश्चित होगा कि भारत तकनीकी इकोसिस्टम केवल विश्वसनीय और सत्यापित प्रणालियों का उपयोग करता है, जो घरेलू स्तर पर निर्मित विश्वसनीय उत्पाद और सिस्टम हैं।'
प्रतिबंध से भारत में पैदा हो सकती है लैपटॉप की कमी
ऐपल जैसी कंपनियां भारत में मैकबुक के साथ ही मैक मिनी और अन्य कंप्यूटर बेचती हैं। इसके अलावा विदेशों से आयात करने के बाद भारत में लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर बेचने वाली लेनोवो, आसुस, एसर और सैमसंग जैसी कंपनियों पर भी प्रतिबंध का नियम लागू होगा। जब तक कंपनियां लैपटॉप लाने के लिए अनुमति नहीं लेती हैं, तब तक भारत में लैपटॉप, कंप्यूटर, मैकबुक और मैक मिनी की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
न्यूजबाइट्स प्लस
पेट्रोलियम उत्पादों के बाद भारत में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक सामानों का आयात होता है। भारत द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात अप्रैल-जून में 47.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग 57,000 करोड़ रुपये हो गया है। कुछ समय पहले आई ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के आयात में गिरावट उन क्षेत्रों में ज्यादा हुई है जहां सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना शुरू की है।