हिमाचल प्रदेश में युद्ध स्तर पर राहत बचाव कार्य जारी, अब तक 90 लोगों की मौत
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। यहां जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। राज्य में अभी भी 900 से ज्यादा पेयजल परियोजनाएं ठप हैं, जबकि करीब 2,000 सड़कें अभी भी बाधित हैं।
प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अभी भी सैकड़ों की तादाद में पर्यटक फंसे हैं, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
यहां बारिश, भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आकर अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है।
राहत और बचाव
विदेशियों समेत 95 पर्यटकों को किया गया एयरलिफ्ट
हिमाचल प्रदेश के सांगला की कोपा वैली में फंसे विदेशियों समेत कुल 95 पर्यटकों को एयरलिफ्ट करके चोलिंग (किन्नौर) पहुंचाया गया है।
इसी बीच लाहौल और स्पीति में फंसे करीब 300 पर्यटकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है और सभी पर्यटक सुरक्षित हैं। यहां प्रशासन, ITBP और BRO की टीमें राहत और बचाव कार्य चला रही है।
इस बचाव अभियान पर प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य सचिव संजय अवस्थी नजर बनाए हुए हैं।
ट्विटर पोस्ट
NDRF ने किन्नौर में फंसे 28 चारवाहों को बचाया
#WATCH | NDRF's Joint Rescue Ops saved 28 stranded shepherds/trekkers from Kinnaur, Himachal Pradesh's Kara area. Due to rising water levels, 11 people were trapped 15 kilometres from Kafnu village. On July 10th, the NDRF team, along with ITBP and Home Guard personnel, embarked… pic.twitter.com/e8Ns5CNQ9A
— ANI (@ANI) July 12, 2023
जानकारी
हिमचाल प्रदेश में बारिश का येलो अलर्ट
हिमाचल प्रदेश के लोगों को आने वाले दिनों में भी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद कम है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को प्रदेश में भारी बारिश की संभावना जताते हुए 15 और 16 जुलाई येलो अलर्ट जारी किया है।
मुख्यमंत्री
हिमाचल में फंसे 60,000 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू गुरुवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि करीब 60,000 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
उन्होंने आज सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। इसके बाद वह सिरमौर जिले में हुए बारिश के नुकसान का जायजा लेंगे। उनका पांवटा साहिब और शिलाई क्षेत्रों का दौरा भी प्रस्तावित है।
आवाजाही
कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही शुरू
कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर 2 दिन बाद बड़े ट्रकों और भारी वाहनों की आवाजाही शुरु हो गई है। राजमार्ग खुलने से अब दैनिक उपभोग की वस्तुओं का सामान लेकर आ रहे ट्रक भी प्रदेश में आ सकेंगे।
इसके अलावा करीब 3,000 से अधिक वाहन मनाली से निकाले गए, जिसके कारण यहां जाम की स्थिति बन गईं। अब सरसेई से रायसन के नए पुल तक के करीब 30 किलोमीटर लंबी वाहनों की लाइनें लगी हुई है।
नुकसान
बारिश से 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा, "इस साल प्रदेश में अप्रत्याशित बारिश हुई है। मानसून की शुरुआत से अब तक लगभग 90 लोगों की मृत्यु हुई हैं। इनमें से कई मौतें भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण हुईं।"
उन्होंने कहा, "आपदा में करीब 4,000 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है और करीब 2,000 सड़कें बंद हैं। राज्य सरकार स्थिति को वापस पटरी पर लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।"
यातायात
बारिश से हिमाचल रोडवेज की सेवाएं भी बाधित
प्रदेश में भारी बारिश यातायात सेवाओं को काफी बुरा असर पड़ा है। हिमाचल रोडवेज के 1,128 रूटों पर बस सेवा अभी बंद है, जबकि 394 रूटों पर बस सेवा बहाल कर दी गई है।
हिमाचल रोडवेज के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि बारिश, भूस्खलन और सड़क मार्ग बाधित होने से प्रदेश में अलग-अलग मार्गों पर बसें फंसी थीं।
उन्होंने कहा कि 408 बसें सुरक्षित अपने-अपने डिपो में पहुंच चुकी हैं, जबकि 302 बसें अभी तक फंसी हैं।