भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हुई पनडुब्बी INS वागीर, जानें इसमें क्या है खास
भारत में बनाई गई कलवारी श्रेणी की पांचवीं पनडुब्बी भारतीय नौसेना पोत (INS) वागीर सोमवार को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित एक समारोह में INS वागीर को कमीशन किया। कलवारी श्रेणी की चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है। आइए INS वागीर के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं।
INS वागीर को MDL ने फ्रांस की कंपनी के साथ किया है तैयार
INS वागीर को भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत मुंबई की मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप के सहयोग के साथ तैयार किया है। समुद्री ट्रायल पूरे होने के बाद MDL ने 20 दिसंबर 2022 को इस पनडुब्बी को भारतीय नौसेना को सौंप दिया था। बता दें कि INS वागीर भारत में सबसे कम समय में तैयार होने वाली स्वदेशी पनडुब्बियों में से एक है।
यहां देखें नौसेना द्वारा जारी की गई वीडियो
221 फीट लंबी और 40 फीट ऊंची है INS वागीर
INS वागीर में ऑक्सीजन बनाने की भी पूरी क्षमता है, जिसकी वजह से ये लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है। इस पनडुब्बी की लंबाई 221 फीट है, जबकि ऊंचाई 40 फीट और ड्राफ्ट 19 फीट है। समुद्री लहरों पर इसकी गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि पानी के अंदर इसकी रफ्तार 37 किलोमीटर प्रति घंटा है। बता दें कि INS वागीर समुद्र में 350 मीटर की गहराई तक तैनात की जा सकती है।
क्या हैं INS वागीर की खासियतें?
INS वागीर भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमता को बढ़ाएगी। यह सतह-रोधी युद्ध, पनडुब्बी-रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करना, नेवल माइन बिछाने और निगरानी मिशनों को पूरा करने में सक्षम है। इस पनडुब्बी को समुद्र तट और मध्य समुद्र दोनों जगह तैनात किया जा सकता है। नौसेना के मुताबिक, INS वागीर में आत्मरक्षा के लिए अत्याधुनिक टॉरपीडो सिस्टम भी मौजूद है।
INS वागीर का रहा है गौरवशाली इतिहास
भारतीय नौसेना में 1 नवंबर, 1973 को पूर्ववर्ती INS वागीर को कमीशन किया गया था। इस पनडुब्बी ने कई अभियानों को अंजाम दिया और करीब तीन दशक तक सेवा में रहने के बाद इसे जनवरी, 2001 में सेवामुक्त कर दिया गया था। नई INS वागीर का 12 नवंबर, 2020 को नए अवतार में अनावरण किया गया था और इसके बाद यह पनडुब्बी व्यापक जांच और कई समुद्री परीक्षणों से होकर गुजरी है।
पिछले महीने नौसेना में शामिल हुआ था INS मोरमुगाओ
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल 18 दिसंबर को P15B क्लास के स्वदेशी स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल विध्वंसक भारतीय नौसेना पोत (INS) मोरमुगाओ को भारतीय नौसेना में कमीशन किया था। INS मोरमुगाओ को सतह से सतह पर मार करने वाली और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों समेत कई अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस किया गया है। इसी कारण इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है।