क्या है चीन का नया भूमि सीमा कानून, जिस पर भारत ने जताई है चिंता?
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन में चल रहे विवाद के बीच चीन ने भारत को नया सिद दर्द दे दिया है। चीन ने अपनी सेना को लड़ने की खुली छूट देने के लिए शनिवार को एक नया 'भूमि सीमा कानून' बनाया है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों और बिगड़ने की आशंका जताई है। इस बीच भारत ने बुधवार को चीन के नए कानून पर चिंता जताते हुए इसे एकतरफा कदम करार दिया है।
क्या है चीन का नया भूमि सीमा कानून?
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्ण नियंत्रण वाली विधायिका नेशनल पीपल्स कांग्रेस (NPC) ने गत शनिवार को नए भूमि सीमा कानून को पारित कर दिया है। यह कानून 14 देशों से लगने वाली चीन की जमीनी सीमा पर नियंत्रण में मदद करेगा। चीन ने इसे सीमा की रक्षा और सीमांत क्षेत्रों को काम में लाने के लिए बना कानून बताया है। इस कानून में सरकार और सेना को अपने भू-भाग की रक्षा के लिए लड़ने की खुली छूट दी है।
कानून के तहत सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा चीन
चीन के नए कानून में सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, आर्थिक एवं सामाजिक विकास में मदद करने, सीमावर्ती क्षेत्रों को खोलने और वहां जनसेवा और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की भी बात कही गई है। इसके अलावा कानून के तहत चीन सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के जीवन एवं कार्य में मदद के लिए भी कदम उठा सकेगा और वह सीमाओं पर रक्षा, सामाजिक और आर्थिक विकास में समन्वय को बढ़ावा देने के लिए जरूरी उपाय भी कर सकेगा।
नए कानून में अपनाई गई है पूर्वी और दक्षिण चीन सागर जैसी नीति
विशेषज्ञों के अनुसार, चीन का नया कानून पूर्वी व दक्षिण चीन सागर में लागू नीति की नकल है, जहां वह लगातार अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते हुए सामुद्रिक क्षेत्र को अपना बता रहा है। ऐसे में यह भारत के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
भारत ने चीन के नए कानून पर जताई है चिंता
चीन के नए कानून पर विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा चीन ने शनिवार को एक नया 'भूमि सीमा कानून' पारित किया है। यह चीन का एकतरफा निर्णय है और इससे सीमा प्रबंधन के साथ सीमा के सवाल पर मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्था पर प्रभाव डाल सकता है। यह बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि वह चीन से इस कानून के तहत कोई भी कार्रवाई करने से बचने की उम्मीद करते हैं।
चीन-पाकिस्तान समझौते को वैधता प्रदान नहीं करता नया कानून- बागची
बागची ने कहा कि भारत और चीन ने अभी भी सीमा के मामले को हल नहीं किया है। दोनों पक्ष समान स्तर पर परामर्श के माध्यम से सीमा मुद्दे को निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान प्राप्त करने पर सहमत हुए हैं और LAC पर शांति के लिए कई द्विपक्षीय समझौते किए हैं। उन्होंने कहा कि नया कानून 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कोई वैधता प्रदान नहीं करता है, जिसे भारत ने अवैध करार दिया है।
चीन LAC से सटे इलाकों में बुनियादी ढांचे को बना रहा मजबूत
बता दें कि चीन ने पिछले कुछ सालों में अपने सीमा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। उसने हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क का विस्तार किया है। इसी तरह तिब्बत में बुलेट ट्रेन की शुरुआत भी की है जिसके मार्ग का निर्माण अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती कस्बे नींगची तक किया गया है। नए कानून में सीमाओं पर व्यापार क्षेत्रों की स्थापना तथा सीमा आर्थिक सहयोग क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव है। ऐसे में यह भारत के लिए बड़ी चुनौती है।