भारत और चीन के बीच रविवार को होगी कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल आ रहे तनाव को कम करने के लिए रविवार को दोनों के देशों के बीच नौवें दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक होगी। इसमें सीमा को लेकर चल रहे विवादों का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। सेना सूत्रों के अनुसार यह बैठक चुशूल के दूसरी तरफ चीन के मोल्डो में सुबह 09:30 बजे से होगी। इसमें विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
नवंबर में हुई थी आठवें दौर की वार्ता
दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच अब तक हुई बैठकों में कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है। यही कारण है कि सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बना हुआ है। भारत और चीनी सैन्य कमांडरों के बीच आठवें दौर की वार्ता गत 6 नवंबर को आयोजित की गई थी। उसमें भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों व्यवहार को ठीक करने और गलतियों से बचने का निर्णय किया था।
नौवें दौर की वार्ता के लिए सहमत हुए दोनों पक्ष- MEA
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कहा, "दोनों पक्षों (भारत और चीन) ने जल्द ही वरिष्ठ कमांडर स्तर की बैठक के अगले दौर को आयोजित करने के लिए सहमति व्यक्त की है और इसी तैयारी पूरी हो गई है।"
भारतीय सेना ने की पूर्वी लद्दाख में डटे रहने की तैयारी
बता दें कि गत 12 जनवरी को भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत वार्ता के माध्यम से गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसी को उसके धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना राष्ट्रीय उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए लद्दाख में खड़े रहने के लिए तैयार है। भले ही राजनयिक और सैन्य वार्ता की प्रक्रिया लंबी खिंच जाए।
मतभेदों के कारण आ रहा है वार्ता में गतिरोध
इस बीच, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और चीन के बीच मतभेद स्थितियों के कारण वार्ता में गतिरोध पैदा हो रहा है। वास्तव में, भारत और चीन दोनों लद्दाख में एक लंबी दौड़ के लिए तैयार हैं और LAC में आगे की चौकियों पर कब्जा करने के लिए दृढ संकल्पित हैं। हालांकि, चीन ने हाल ही में ऊंचाई वाले क्षेत्रों से 10,000 सैनिकों की तैनाती की है। ऐसे में उसकी सीमा पर तैनात पूरी तरह से अपरिवर्तित है।
दोनों देशों के बीच पिछले नौ महीनों से चला आ रहा है गतिरोध
सेना प्रमुख नरवाणे ने यह भी कहा था कि भारत को हाल ही में ऊंचाई वाले क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी को बहुत ही आसान तरीके से नहीं लेना चाहिए। इस कारण है लद्दाख में दोनों तरफ के विवाद के क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या में कोई वास्तविक कमी नहीं आई है। भारत और चीन नौ महीने से लद्दाख सेक्टर में तनाव से जूझ रहे हैं। सैन्य और राजनयिकों के प्रयासों के बाद भी इसमें कमी नहीं आई है।
भारत को 'आपसी और समान सुरक्षा' पर समझौते की उम्मीद
नरवणे ने कहा कि भारत "पारस्परिक और समान सुरक्षा" के सिद्धांतों के आधार पर सैन्य गतिरोध पर चीन के साथ एक समझौते पर पहुंचना चाहता है। उन्होंने कहा कि इससे तनाव वाले क्षेत्रों में सैनिकों की संख्या में कमी आई और तनाव घटेगा।