आतंकी संगठन IS ने ली श्रीलंका बम धमाकों की जिम्मेदारी
दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने रविवार को श्रीलंका में हुए बम धमाकों की जिम्मेदारी ली है। IS ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक के जरिए हमलों की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले हमलों को अंजाम देने वाले जिहादी संगठन नेशनल तौहीद जमात (NTJ) को IS से प्रेरित बताया जा रहा था। जिस सुनियोजित तरीके से धमाकों को अंजाम दिया गया, उसके कारण हमले में विदेशी संगठनों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही थी।
न्यूजीलैंड में मस्जिदों पर हुए हमले का बदला लेने के लिए किये थे बम धमाके
रविवार को ईस्टर के मौके पर चर्चों और होटलों में हुए 8 बम धमाकों में कुल 321 लोगों की मौत हो चुकी है। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिदों पर हुए गोलीबारी का बदला लेने के लिए इस हमले को अंजाम दिया गया था।
एक आतंकवादी ने की थी क्राइस्टचर्च की मस्जिदों पर गोलाबारी
बता दें कि 15 मार्च को एक आतंकवादी ने न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च स्थित अल नूर मस्जिद और लिनवूड मस्जिद को उस समय निशाना बनाया था, जब वहां लोग नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे। इस हमले में 50 लोग मारे गए थे। श्वेत वर्चस्व का कट्टर समर्थक यह आतंकवादी यूरोपीय देशों में आप्रवासियों की बढ़ती आबादी से नाराज था। उसने यूरोप में आतंकी हमलों में मारे गए लोगों का बदला लेने के लिए यह हमला किया था।
मंत्री ने दी दोनों हमलों में संबंध की जानकारी
क्राइस्टचर्च हमले से संबंध पर श्रीलंका के रक्षा राज्य मंत्री रुवान विजेवर्धने ने संसद को जानकारी देते हुए कहा, "शुरुआती जांच में सामने आया है कि रविवार को श्रीलंका में जो हुए, वह क्राइस्टचर्च में मुस्लिमों पर हुए हमले के प्रतिशोध में किया गया था।" हालांकि, उन्होंने इससे संबंधित कोई भी सबूत संसद में पेश नहीं किया। इस बीच उन्होंने यह भी माना कि सुरक्षा में चूक के कारण आतंकी बम धमाकों को अंजाम देने में कामयाब रहे।
IS से मिलते तरीकों से दिया गया बम धमाकों को अंजाम
इससे पहले भी IS और हमले को अंजाम देने वाले संगठन NTJ के बीच संबंध होने की संभावना जताई गई थी। NTJ ने जिस तरीके से बम धमाकों को अंजाम दिया गया, वह काफी हद तक IS के तरीके से मिलता है। IS भी ईसाइयों को उनके पवित्र दिनों के मौके पर निशाना बनाने के लिए जाना जाता है। पिछले साल मई के बाद से वह फिलिपींस और इंडोनेशिया के चर्चों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है।
कैसे हुआ IS का जन्म?
IS का जन्म अलकायदा की इराक इकाई से हुआ था। इसके संस्थापकों के विचार अलकायदा से भी कट्टर थे और इसी कारण यह 2006 में अलकायदा से अलग हो गया और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक (ISI) नाम रख लिया। 2010 में अबु बकर अल बगदादी इसका मुखिया बना और सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत के साथ वहां भी अपने पैर पसार लिए। 2013 में उसने आधिकारिक तौर पर अपना नाम इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) रख लिया।
अपने खूनी खेल का प्रचार करता है IS
ISIS ने 2014 में इराक के मोसुल समेत कई बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया और इराक और सीरिया के कुछ हिस्सों को एक करके अपना खिलाफत बनाने की घोषणा की। बगदादी को खलीफा घोषित किया गया। इस दौरान पूरी दुनिया ने ISIS के खूनी खेल का मंजर देखा और वह इराक की राजधानी बगदाद से कुछ किलोमीटर तक की दूरी तक पहुंच गया। उसने कई विदेशी पत्रकारों के सिर कलम कर उनके वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाले थे।