CAA: केंद्रीय मंत्री बोले- अगर भारतीय नागरिकता की पेशकश की तो आधा बांग्लादेश खाली हो जाएगा
रविवार को एक कार्यक्रम में नागरिकता कानून (CAA) पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि अगर बांग्लादेश के लोगों को भारत की नागरिकता देने की पेशकश की जाती है तो आधा बांग्लादेश खाली हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों और घुसपैठियों के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता और कांग्रेस जैसी पार्टियां पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों के लिए नागरिकता मांग रही हैं।
"नागरिकता देने का वादा किया तो आधे बांग्लादेशी भारत आ जाएंगे"
किशन रेड्डी संत रविदास जयंती के अवसर हैदराबाद में हुए एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसमें CAA पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "अगर बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिकता देने की पेशकश की जाती है तो आधा बांग्लादेश खाली हो जाएगा। अगर उन्हें नागरिकता देने का वादा किया जाता है तो आधे बांग्लादेशी भारत चले आएंगे। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? के चंद्रशेखर राव? या राहुल गांधी?" विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वो घुसपैठियों के लिए नागरिकता चाहते हैं।
रेड्डी ने बताया किसके लिए और क्यों लाया गया है CAA
रेड्डी ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में अत्याचार का सामना करने वाले कुछ अल्पसंख्यक समुदायों के लिए मानवीय आधार पर CAA लाया गया है लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां मांग कर रही हैं कि इन देशों के मुस्लिमों को भी नागरिकता दी जानी चाहिए। जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शरणार्थियों और घुसपैठियों के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता और कांग्रेस जैसी पार्टियां घुसैपठियों के लिए नागरिकता मांग रही हैं।
बिना किसी सुविधा और दस्तावेज के 40 साल से भारत में रह रहे शरणार्थी- रेड्डी
गृह राज्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि कुछ शरणार्थी बिना किसी सुविधा और वोटर कार्ड, आधार और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों के पिछले 40 साल से भारत में रह रहे हैं।
मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव पर भी साधा निशाना
इस दौरान रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मैं तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) पार्टी से अनुरोध करता हूं। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं। मैं मुख्यमंत्री को ये साबित करने की चुनौती देता हूं कि भारत के 130 करोड़ नागरिकों में से एक भी CAA से कैसे प्रभावित होगा।" TRS और AIMIM पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि वो वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं।
धर्म के आधार पर भेदभाव करने के लिए हो रहा है CAA का विरोध
बता दें कि CAA में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियां और लोग धर्म के आधार पर भेदभाव करने के लिए इस कानून का विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि CAA में अत्याचार का सामना करने वाले हर धर्म के व्यक्ति को नागरिकता देना का प्रावधान होना चाहिए।
चंद्रशेखर राव भी CAA के विरोध में
चंद्रशेखर राव भी CAA के विरोध में हैं और इसके खिलाफ तेलंगाना विधानसभा में प्रस्ताव लाने की बात कह चुके हैं। उनकी पार्टी TRS के सांसदों ने भी संसद में इस कानून के खिलाफ वोट किया था।