हार्ट ऑफ एशिया: एक जगह मौजूद होंगे भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री, मुलाकात संभव
भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री आज ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में अफगानिस्तान पर होने वाली एक अहम बैठक में शामिल होंगे। 'हार्ट ऑफ एशिया' की इस बैठक में दोनों विदेश मंत्रियों के अलावा लगभग 30 देशों और दर्जनों क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। सूत्रों के अनुसार, अभी तक दोनों विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक तय नहीं है, लेकिन भारत और पाकिस्तान के सुधरते रिश्तों के बीच अचानक मुलाकात से इनकार नहीं किया जा सकता।
लंबे समय बाद एक जगह मौजूद होंगे भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री
पिछले महीने नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी रोकने पर सहमति बनने के बाद यह पहली बार होगा, जब भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री एक ही कमरे में मौजूद होंगे। पिछले कुछ दिनों से ऐसे संकेत मिले हैं, जिससे लग रहा है कि दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ अब पिघलने लगी है। बता दें, भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी औपचारिक बैठक मार्च, 2016 में नेपाल के पोखरा में हुई थी।
मुलाकात के बारे में दोनों विदेश मंत्रियों ने क्या कहा?
रविवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि उनकी भारतीय समकक्ष के साथ कोई बैठक तय नहीं है और न ही भारत की तरफ से ऐसा प्रस्ताव दिया गया है। कुछ दिन पहले जयशंकर ने भी कहा था कि कुरैशी के साथ उनकी बैठक तय नहीं है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बदले माहौल में दोनों विदेश मंत्री पहली बार एक जगह होंगे और इनके बीच अचानक बैठक से इनकार नहीं किया जा सकता।
ईरान और तुर्की के विदेश मंत्रियों से मिल चुके जयशंकर
इससे पहले सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने ईरानी और तुर्की समकक्षों के साथ सम्मेलन से इतर बातचीत की थी। इसके अलावा वो अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से भी मिले थे। जयशंकर की ईरानी समकक्ष के साथ मुलाकात के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर बातचीत हुई। वहीं तुर्की के विदेश मंत्री के साथ जयशंकर ने द्विपक्षीय सहयोग और अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की थी।
सोमवार को दुशांबे पहुंचे थे जयशंकर
जानकारी के लिए बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे पहुंचे थे। यह सम्मेलन 'इस्तांबुल प्रोसेस' का एक हिस्सा है जो कि अफगानिस्तान में शांति और स्थायित्व के लिए सहयोग और सुरक्षा पर की गई एक पहल है, जिसकी शुरुआत 2 नवंबर, 2011 को तुर्की से हुई थी। मंत्री स्तर का यह नौंवा 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन है।
ये हैं सुधरते रिश्तों के संकेत
बीते कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सामान्य बनाने की पहल हो रही है। पहले भारत और पाकिस्तान कई सालों बाद LoC पर सीजफायर को सहमत हुए और फिर पाकिस्तान की तरफ से कुछ ऐसे बयान आए, जो रिश्तों को सुधारने के लिए सकारात्मक माने जा रहे थे। बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने इमरान खान को 'पाकिस्तान दिवस' के मौके पर भेजे पत्र में कहा था कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है।