CDS जनरल रावत बोले- चीनी अतिक्रिमण से निपटने के लिए सैन्य कार्रवाई का विकल्प खुला
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य कार्रवाई का विकल्प खुला है, हालांकि दोनों सेनाओं के बीच बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों के विफल रहने पर ही इसका प्रयोग किया जाएगा। ये पहली बार है जब भारत के शीर्ष राजनीतिक या सैन्य नेतृत्व में से किसी ने जरूरत पड़ने पर चीन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की बात कही है।
जनरल रावत बोले- सुरक्षा बल सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार
जनरल रावत ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अतिक्रमण इसकी स्थिति को लेकर अलग-अलग धारणाओं के कारण होते हैं। सुरक्षा बलों का काम नजर और निगरानी रखना और इन अतिक्रमणों को घुसपैठ में तब्दील होने से रोकना है। पूरी सरकार का दृष्टिकोण ऐसी किसी भी गतिविधि का शांतिपूर्ण निपटारा और घुसपैठों को रोकना है। अगर LAC पर यथास्थिति बनाने के सभी प्रयास असफल रहते हैं तो सुरक्षा बल सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार हैं।"
यथास्थिति बहाल करने के लिए सभी विकल्पों की समीक्षा- जनरल रावत
जनरल रावत ने कहा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अन्य सभी लोग लद्दाख में चीनी सेना से यथास्थिति बहाल कराने के लिए सभी विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं।" भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के दावों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमा काफी बड़ी है और एजेंसियां निगरानी रखने के पूरे प्रयास कर रही हैं।
पांच जगहों पर चीनी सैनिकों ने किया था अतिक्रमण और घुसपैठ
मई-जून में चीनी सैनिकों ने LAC पर पांच जगहों पर भारतीय इलाकों में अतिक्रमण और घुसपैठ की थी। इनमें पेंगोंग झील के पास स्थित फिंगर्स एरिया, गलवान घाटी (PP14), हॉट स्प्रिंग (PP15), गोगरा (PP17A) और देपसांग प्लेन्स के इलाके शामिल हैं। फिंगर्स एरिया और गलवान में तो चीनी सैनिक भारतीय इलाके में दाखिल हो गए थे। गलवान घाटी में ही 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
दो जगहों पर पीछे हटे चीनी सैनिक, तीन जगहों पर अभी भी तनाव
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच बनी सहमति के तहत चीन ने इन पांच में से दो जगहों- गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग- में तो अपने सैनिक पीछे हटा लिए हैं, लेकिन बाकी इलाकों में स्थिति में अधिक बदलाव नहीं आया है। देपसांग प्लेन्स, गोगरा और पेंगोंग झील के फिंगर्स एरिया में उसके सैनिक अभी भी बने हुए हैं। फिंगर्स एरिया और देपसांग प्लेन्स में तो चीनी सैनिक भारतीय इलाके में बैठे हुए हैं।
अक्साई चिन में चीन ने जमा किए 50,000 सैनिक
इसके अलावा चीन ने अक्साई चिन में भी अपने तकरीबन 50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं और इसके कारण उसके मंसूबों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। भारत को आशंका है कि चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम पास पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है और इसी खतरे को देखते हुए उसने काराकोरम के पास दौलत बेग ओल्डी (DBO) में टी-90 मिसाइल टैंक तैनात किए हैं। LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की जा रही है।