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बेंगलुरू: आत्महत्या रोकने के लिए IISc के कमरों की छतों से हटाए जा रहे पंखे
आत्महत्या रोकने के लिए छात्रों के कमरों से पंखे हटा रहा IISc बेंगलुरू

बेंगलुरू: आत्महत्या रोकने के लिए IISc के कमरों की छतों से हटाए जा रहे पंखे

Dec 16, 2021
06:23 pm

क्या है खबर?

बेंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेस (IISc) ने अपने परिसर में छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए छत वाले पंखे हटाने का फैसला किया है। IISc ने आदेश जारी किया है कि सभी छात्रों के कमरों से छत वाले पंखे हटाकर उनकी जगह दीवार पर पंखे लगाए जाएंगे। इस आदेश के बाद काम शुरू हो चुका है और बताया जा रहा है कि अगले 15 दिनों में सभी कमरों की छतों से पंखे हटा लिए जाएंगे।

जानकारी

छात्रों ने फैसले के खिलाफ दी थी राय

न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, पंखे हटाने का आदेश जारी होने से पहले छात्रों के बीच एक सर्वे भी करवाया गया था। इसमें करीब 88 प्रतिशत छात्रों ने बताया था कि उन्हें नहीं लगता कि पंखे बदलने का यह फैसला आत्महत्याओं को रोकने में कारगर होगा। वहीं करीब 90 प्रतिशत छात्रों ने इस कदम को गैरजरूरी बताया था। यह भी बताया जा रहा है कि कॉलेज ने छात्रों को छतों और गलियारों में भी जाने से रोक दिया है।

विडंबना

संस्थान में बने वेलनेस सेंटर का नहीं हो रहा इस्तेमाल

IISc परिसर में इस साल चार और पिछले साल दो छात्रों ने आत्महत्या की थी। कॉलेज प्रबंधन के ताजा कदमों को इन्हीं घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। दूसरी तरफ संस्थान में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए बने वेलनेस सेंटर का इस्तेमाल नहीं हो रहा। कई छात्रों ने बताया कि अधिकतर समय यह बंद रहता है। हालांकि, कॉलेज से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इसके बेहतर इस्तेमाल के लिए योजना बनाई जा रही है।

चिंता

बीते साल हर दिन औसतन 34 छात्रों ने की आत्महत्या

देश में बीते साल छात्रों की आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि देश में पिछले साल 12,500 छात्रों ने आत्महत्या की थी। यानी रोज औसतन 34 छात्र खुदकुशी कर रहे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी, अचानक से बदली परिस्थितियां, पढ़ाई में आ रही चुनौतियों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक कारण आत्महत्याओं की संख्या में बढ़ोतरी की वजह हो सकती हैं।

खुदकुशी

2019 की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़े मामले

2020 में छात्रों के बीच खुदकुशी के मामले 2019 की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़े हैं। 1995 के बाद के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि देश में 1.8 लाख छात्र खुदकुशी कर अपना जीवन गंवा चुके हैं। इसमें पिछले साल सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए। पिछले साल खुदकुशी करने वाले 12,526 छात्रों में से 53 प्रतिशत (6,598) महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के रहने वाले थे।

हेल्पलाइन

इन हेल्पलाइन की ले सकते हैं मदद

आत्महत्या एक गंभीर समस्या है। अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं तो आप नीचे दिये नंबरों पर फोन कर मदद प्राप्त कर सकते हैं। आसरा: यह मुंबई स्थित NGO है, जो परेशान और अवसाद से घिरे लोगों की मदद करता है। हेल्पलाइन नंबर- 91-22- 27546669 स्नेह इंडिया फाउंडेशन: यह संस्था हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे सेवा देती है। हेल्पलाइन नंबर- 91-44-24640050 वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: हेल्पलाइन नंबर- 18602662345