Page Loader
15 अगस्त को भारत की पहली कोरोना वैक्सीन लॉन्च करने को लेकर ICMR ने दिया स्पष्टीकरण

15 अगस्त को भारत की पहली कोरोना वैक्सीन लॉन्च करने को लेकर ICMR ने दिया स्पष्टीकरण

Jul 05, 2020
07:50 am

क्या है खबर?

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 15 अगस्त तक पहली स्वदेशी वैक्सीन लॉन्च करने के दावों पर उठे सवालों के बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने शनिवार को स्पष्टीकरण दिया है। HT की रिपोर्ट के अनुसार ICMR ने कहा है कि बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य हित में स्वदेशी वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में तेजी लाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा तैयार की जा रही स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्‍सीन विश्‍व स्‍तर पर स्‍वीकृत मानदंडों के अनुसार है।

प्रकरण

ICMR ने क्लिनिकल ट्रायल को फास्ट ट्रैक करने को कहा

बता दें कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) ने कोरोना वायरस की पहली स्वदेशी संभावित वैक्सीन 'कोवैक्सिन' तैयार की है।इसके क्लिनिकल ट्रायल के लिए उसने ICMR से साझेदारी की है। कोवैक्सिन के इंसानी ट्रायल के लिए 12 संस्थानों का चयन किया गया है। इस वैक्सीन को 15 अगस्त पर लॉन्च करने के उद्देश्य से ICMR ने शुक्रवार को संस्थानों को क्लिनिकल ट्रायल को फास्ट ट्रैक करने को कहा था। जिस पर विशेषज्ञों ने सवाल खड़े कर दिए।

बयान

विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के अनुसार चल रही वैक्सीन निर्माण की प्रकिया- ICMR

ICMR ने मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया विश्व स्तर पर स्वीकृत मानदंडों के अनुसार है। इसके तहत महामारी काल में वैक्सीन विकास में तेजी लाने के लिए मानव और पशु परीक्षण समानांतर रूप से जारी रह सकते हैं। इस समय पूरे विश्‍व में कोरोना वैक्‍सीन पर काम चल रहा है। भारत की ही तरह वैक्सीन बनाने वाले अन्य सभी देशों को भी समान रूप से तेजी से काम करने की अनुमति दी गई है।

सवाल

ICMR के आदेशों पर उठाए जा रहे हैं सवाल

ICMR के फास्ट ट्रैक के आदेश पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। बायोएथिक्स एंड हेल्थ पॉलिसी के रिसर्चर अनंत भान ने कहा था कि दुनिया में कई अन्य वैक्सीन तीसरे चरण तक पहुंच गई है, लेकिन उन्होंने भी समय सीमा काफी लंबी रखी है। ऐसा होना मुश्किल लग रहा है। IISER पुणे में विजिटिंग प्रोफेसर विनीता बल ने कहा था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ट्रायल में चल रही वैक्सीन 15 अगस्त तक कैसे तैयार हो सकती है।

जानकारी

ICMR ने संस्थानों को दी थी चेतावनी

ICMR ने क्लिनिकल ट्रायल कर रहे संस्थानों को सात जुलाई तक आंतरिक समितियों से आवश्यक अनुमोदन लेने को कहा था। इतना ही नहीं उसने आदेशों की पालना नहीं करने वाले संस्थानों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थीं।

आरोप

विपक्षी नेताओं ने ICMR पर लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस के दिग्गज नेता पृथ्वीराज चाह्वाण और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को आरोप लगाया कि ICMR स्वदेशी वैक्सीन बनाने की जल्दी इसलिए किर रही है ताकि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी को लाल किले से बड़ी घोषणा करने की सौगात दी जाए। येचुरी ने ICMR पर संस्थाओं से अपने अनुसार काम कराने के लिए धमकाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने पूछा कि क्या 14 अगस्त तक पहले परीक्षण के सभी चरण पूरे हो जाएंगे?

कोवैक्सिन

हाल ही में वैक्सीन को मिली है ट्रायल की मंजूरी

भारत बायोटेक ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर कोवैक्सिन तैयार की है। NIV ने मई में बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज से वायरस का स्ट्रेन आइसोलेट किया और इसे BBIL को भेजा। उसके बाद कंपनी ने इसका इस्तेमाल करते हुए हैदराबाद में 'इनएक्टिवेटेड' वैक्सीन बनाने का काम शुरू किया। हाल ही में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के इंसानी ट्रायल की मंजूरी दी थी।

ट्रायल

ट्रायल के किस चरण में है वैक्सीन?

भारत बायोटेक ने बीती 1 जुलाई को दोनों चरणों के लिए वैक्सीन को रजिस्टर किया है। जानकारी के मुताबिक, कंपनी दोनों चरणों में 1,125 लोगों पर इसका ट्रायल करेगी और 13 जुलाई से इसके लिए वॉलेंटियर का चयन शुरू होगा। कंपनी का मानना है कि उसे ट्रायल में एक साल और तीन महीने का समय लगेगा। पहले चरण में ही कम से कम एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद ट्रायल की अंतरिम रिपोर्ट DGCI के पास भेजी जाएगी।