49 मशहूर हस्तियों ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र, देश के माहौल पर जताई चिंता
देश की 49 मशहूर हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश के खराब माहौल पर चिंता व्यक्त की है और प्रधानमंत्री से कार्रवाई की मांग की है। पत्र में लगातार हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से इन्हें रोकने को कहा गया है। गलत कार्यों के लिए 'जय श्री राम' के नारे के प्रयोग को लेकर भी इन मशहूर हस्तियों ने चिंता जाहिर की है।
श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप, रामचंद्र गुहा आदि हस्तियाों का नाम शामिल
जिन 49 मशहूर हस्तियों ने ये पत्र लिखा है, उनमें फिल्म निर्माता, इतिहासकार और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। श्याम बेनेगल, मणिरत्नम, अपर्णा सेन, अनुराग कश्यप, सोमित्रो चटर्जी, बिनायक सेन, कोंकणा सेन शर्मा, रुपम इस्लाम, अनुपम रॉय और रिद्धि सेन आदि पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में शामिल हैं। मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान खींचने के लिए तथ्यों का प्रयोग किया गया है।
आंकड़ों के जरिए पेश की मॉब लिंचिंग की तस्वीर
पत्र की शुरुआत में लिखा है, "प्रिय प्रधानमंत्री, शांतिप्रिय और गौरवान्वित भारतीय के तौर पर हम हाल ही में हमारे प्रिय देश में हुई कुछ दुखद घटनाओं को लेकर चिंतित हैं।" इसमें आगे लिखा गया है, "देश में मुस्लिमों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों की लिंचिंग को तुरंत रोकना चाहिए। NCRB रिपोर्ट से ये जानकर हम चौंक गए कि 2016 में दलितों के खिलाफ अत्याचार के 840 मामले हुए थे और सजा मिलने के प्रतिशत में भारी गिरावट आई।"
केवल बयान नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई की मांग
पत्र में आगे प्रधानमंत्री मोदी से इन मामलों पर कार्रवाई करने को कहा गया है। इसमें लिखा है, "प्रधानमंत्री जी आप संसद में लिंचिंग की आलोचना कर चुके हैं, लेकिन यही पर्याप्त नहीं है। साजिशकर्ताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है?" लिंचिंग को गैर-जमानती अपराध बनाने और दोषी पाए जाने पर बिना पैरोल के उम्रकैद की सजा की सिफारिश करते हुए कहा गया है कि किसी भी नागरिक को अपने ही देश में डर में नहीं रहना चाहिए।
मोदी ने की थी तबरेज अंसारी की लिंचिंग की आलोचना
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग की आलोचना की थी। 24 वर्षीय तबरेज को जून में झारखंड में मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में भीड़ ने बांधकर मारा था और उससे जय श्री राम के नारे लगवाए थे।
"युद्ध घोष बना जय श्री राम का नारा"
सांप्रदायिक तत्वों के हिंसा के लिए जय श्री राम के नारे के प्रयोग पर विरोध दर्ज कराते हुए पत्र में लिखा गया है कि जय श्री राम का नारा आज एक भड़काऊ युद्ध घोष बन चुका है। पत्र में लिखा है, "धर्म के नाम पर ऐसी किसी भी हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। भारत के बहुसंख्यक समुदाय के कई लोगों के लिए राम का नाम पवित्र है। आपको राम के नाम की इस उपेक्षा को रोकना चाहिेए।"
हस्तियों ने लिखा, सरकार की आलोचना देश की आलोचना नहीं
सरकार के आलोचकों को "देशद्रोही" बताने के ट्रेंड के बीच मशहूर हस्तियों ने अपने पत्र में लिखा है कि असहमति के बिना कोई लोकतंत्र नहीं हो सकता। इसमें कहा गया है, "सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना का मतलब देश की आलोचना नहीं है। कहीं भी कोई भी सत्तारूढ़ देश की पर्यायवाची नहीं है। इसलिए सरकार विरोधी विचार को देश विरोधी भावना नहीं कहा जा सकता। एक खुला वातावरण जहां असहमति को कुचला नहीं जाता, देश को मजबूत बनाता है।"
हस्तियों को उम्मीद, सही भावना से लिया जाएगा उनका पत्र
पत्र के अंत में हस्तियों ने उम्मीद जताई है कि उनके सुझावों को सही तरीके से देश के भविष्य को लेकर सचमुच चिंतित और बेचैन भारतीयों के विचारों के तौर पर लिया जाएगा। इसके बाद सभी 49 हस्तियों के नाम लिखे हुए हैं।