दिव्यांग बच्चे के साथ भेदभाव मामले में इंडिगो पर लगा 5 लाख रुपये का जुर्माना
क्या है खबर?
दिव्यांग बच्चे को विमान में बैठने से रोकने के मामले में इंडिगो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा है कि जांच में पता चला है कि दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो ग्राउंड स्टाफ का बर्ताव ठीक नहीं था और इससे स्थिति खराब हो गई।
DGCA ने कहा कि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा की जाएगी।
पृष्ठभूमि
क्या था मामला?
इसी महीने इंडिगो एयरलाइन ने रांची से हैदराबाद जा रहे विमान में एक दिव्यांग बच्चे को बैठाने से इनकार कर दिया था।
एयरलाइन के स्टाफ ने बच्चे को 'अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा' बताकर उसके माता-पिता के साथ फ्लाइट में नहीं चढ़ने दिया।
लंबी कार यात्रा से परेशान बच्चे को उसके माता-पिता शांत कर रहे थे, तभी स्टाफ ने उनसे आकर कहा कि अगर वो 'सामान्य' नहीं हुआ तो उसे चढ़ने नहीं देंगे।
बयान
DGCA ने क्या कहा?
DGCA ने अपने बयान में कहा है कि ग्राउंड स्टाफ की तरफ से बेहतर बर्ताव ने बच्चे को शांत कर दिया होता और इससे यात्रियों को बोर्डिंग से वंचित करने जैसा कदम उठाने की जरूरत नहीं पड़ती। विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की जरूरत होती है, लेकिन एयरलाइन स्टाफ ने यहां निराश किया और इस दौरान दिशानिर्देशों को लागू करने में गलतियां की।
इसमें आगे कंपनी पर जुर्माना लगाने की बात कही गई है।
मामला
बच्चे को बिना बैठाए विमान ने भरी उड़ान
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि, विमान में चढ़ने के समय तक बच्चा लगभग शांत हो गया था, लेकिन स्टाफ ने फैसला किया कि उसे नहीं बैठने दिया जाएगा और वह बाकी यात्रियों के खतरा है।
दिव्यांग बच्चे की तुलना शराबी यात्रियों से करते हुए स्टाफ ने कहा कि 'सामान्य' होने पर ही बच्चे को चढ़ने दिया जाएगा।
डॉक्टरों द्वारा मदद की पेशकश के बावजूद ग्राउंड स्टाफ ने बच्चे को विमान में बैठने नहीं दिया।
प्रतिक्रिया
इंडिगो ने सही ठहराया था स्टाफ का बर्ताव
अंत में 45 मिनट की चर्चा, बातचीत, मिन्नतें और धमकियां सब बेकार गईं और रांची से हैदराबाद जा रहे विमान ने दिव्यांग बच्चे और उसके माता-पिता के बिना ही उड़ान भर दी।
मामला सामने आने के बाद इंडिगो ने कहा था कि ग्राउंड स्टाफ ने अंतिम मिनट तक उसके शांत होने का इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एयरलाइन ने परिवार को होटल में ठहरने की सुविधा दी और अगली सुबह उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचा दिया गया।
कार्रवाई
उड्डयन मंत्री ने दिखाई थी सख्ती, DGCA ने मांगा था जवाब
इस घटना के सामने आने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा था कि इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा था, 'किसी इंसान के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं खुद मामले की जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।'
DGCA ने भी इसे लेकर इंडिगो से जवाब मांगा था। वहीं सोशल मीडिया पर कंपनी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।