होली से लेकर दिवाली तक, देश पर कोरोना वायरस और पाबंदियों का क्या असर रहा?
बीते साल वुहान से शुरू हुई कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया को घुटने पर ला दिया है। इस साल दुनियाभर में करोड़ों लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं और कई लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। भारत में भी कोरोना वायरस ने सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। अन्य चीजों के साथ-साथ त्योहारों पर भी इसका असर पड़ा है। महामारी ने होली के बाद से हर त्योहार की चमक फीकी कर दी है।
होली के बाद हर त्योहार पर रहा महामारी का साया
भारत में मार्च महीने से महामारी का प्रकोप फैलना शुरू हुआ और इसे नियंत्रण में लाने के लिए केंद्र सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। भले ही होली का त्योहार दो सप्ताह पहले निकल गया था, लेकिन इस पर भी महामारी का असर देखने को मिला और लोगों को घूमने की अपनी कई योजनाएं रद्द करनी पड़ीं। लॉकडाउन के बाद से कई त्योहार और दूसरे समारोह बिना किसी रौनक आकर चले गए।
दिल्ली में फिर गंभीर हुए हालात
राजधानी दिल्ली की बात करें तो मार्च में यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 थी। सरकार ने ऐहतियात के तौर पर सभी समारोह रद्द कर दिए। यहां अभी भी हालात गंभीर बने हुए हैं। बीच में कुछ हफ्ते जरूर महामारी का प्रकोप कम हआ था, लेकिन दिवाली आते-आते यहां संक्रमण ने फिर रफ्तार पकड़ ली। पिछले कुछ दिनों से यहां रोजाना 7,000 से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में इस बार यहां दिवाली की चमक फीकी है।
लॉकडाउन में करोड़ों लोगों ने किया पलायन
मार्च के अंतिम सप्ताह में सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया। इससे आवाजाही पर प्रतिबंध लग गया, हवाई जहाजों की उड़ान और ट्रेनों के संचालन पर रोक लग गई। इसी दौरान सभी आर्थिक गतिविधियां भी रुक गई। इससे शहरों में रहने वाले लोग गांवों की तरफ लौटने लगे, लेकिन परिवहन बंद होने के कारण उन्हें पैदल ही घर जाने पर मजबूर होना पड़ा। देश ने इन महीनों में अब तक का सबसे बड़ा पलायन देखा।
जून से मिलने लगी पाबंदियों से ढील
पाबंदियां लागू करने के साथ-साथ सरकार ने कोरोना वायरस टेस्टिंग को भी बढ़ा दिया। इससे संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा होना शुरू हो गया। दूसरी तरफ महामारी की वैक्सीन बनाने की रेस भी शुरू हो गई। भारत में जून महीने में पाबंदियों में ढील मिलनी शुरू हुई। सरकार ने 8 जून से होटल और धार्मिक स्थल खोलने की इजाजत दे दी, लेकिन इसके लिए कई गाइडलाइंस जारी की। हालांकि, कंटेनमेंट जोन में किसी तरह की ढील नहीं देखी गई।
चरणबद्ध तरीके से हटी पाबंदियां, आर्थिक गतिविधियां हुईं शुरू
उसके बाद के महीनों में सरकार ने चरणबद्ध तरीकों से पाबंदियां हटानी शुरू कर दी। इसी बीच आर्थिक गतिविधियों पर लगी पाबंदियां भी हटने लगी। इससे लोग काम पर लौटे और अर्थव्यवस्था के पहिये ने फिर से रफ्तार भरी।
पहले के मुकाबले स्थिति बेहतर, लेकिन ऐहतियात जारी
उसके बाद से नवंबर आते-आते स्थिति में सुधार आना शुरू हुआ और रोजाना मिलने वाले मरीजों की संख्या 50,000 से नीचे रहने लगी जो सितंबर में 90,000 से पार पहुंच गई थी। हालांकि, इसके बावजूद सरकार ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी और लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की। दिवाली के मौके पर भी कई तरह की पाबंदियां जारी हैं और लोगों से भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने को कहा गया है।
देश में फिलहाल महामारी की क्या स्थिति?
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 88 लाख की तरफ बढ़ रही है। बीते दिन भारत में कोरोना वायरस के 44,684 नए मामले सामने आए और 520 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 87,73,479 हो गई है। इनमें से 1,29,188 लोगों की मौत हो चुकी है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 4,80,719 पर आ गई है। मध्य सितंबर में देश में लगभग 10.17 लाख सक्रिय मामले थे।