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केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस, घर वापस जा सकेंगे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर और छात्र

केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस, घर वापस जा सकेंगे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर और छात्र

Apr 29, 2020
08:49 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार ने राज्यों को अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों और तीर्थयात्रियों को वापस ले जाने की मंजूरी दे दी है और उन्हें तत्काल इससे संबंधित नियम बनाए को कहा है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी इस आदेश में केवल कोरोना वायरस से मुक्त फंसे हुए लोगों की आवाजाही की इजाजत दी गई है। बता दें कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न जगहों पर प्रवासी मजदूरों का मुद्दा आर्थिक के साथ-साथ एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।

मामला

क्या है प्रवासी मजदूरों का पूरा मामला?

25 मार्च को पहला लॉकडाउन शुरू होने के बाद लाखों प्रवासी मजदूरों ने शहरों से गांवों की तरफ पलायन किया था। उनके जरिए गांवों में कोरोना वायरस पहुंचने के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को इन मजदूरों को कैंपों में रखने का आदेश दिया था। अभी अलग-अलग राज्यों में लाखों प्रवासी मजदूरों को इन कैंपों में रखा जा रहा है। इसके अलावा अन्य मजदूर भी अपने घर से दूर काम की जगह पर फंसे हुए हैं।

राजनीति

बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है प्रवासी मजदूरों की वापसी

प्रवासी मजदूरों के इस मुद्दे पर राजनीति भी खूब हुई है। महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने केंद्र सरकार से इन प्रवासी मजदूरों को वापस उनके घर पहुंचाने के लिए इंतजाम करने की अपील की थी। वहीं बिहार समेत इसके विरोधियों ने कहा था कि प्रवासी मजदूरों को वापस घर लाने से लॉकडाउन का पूरा मकसद ही खत्म हो जाएगा। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे अपने मजदूरों को वापस लाने का आदेश जारी किया था।

जानकारी

कोटा में फंसे छात्रों को लेकर भी हुई राजनीति

उत्तर प्रदेश ने राजस्थान के कोटा में फंसे अपने छात्रों को भी बसों के जरिए वापस बुलाया था और ये भी एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका विरोध करते हुए इसे प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय बताया था।

नई गाइडलाइंस

नई गाइडलाइंस में क्या है?

अब गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अपने प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को वापस लाने की मंजूरी दे दी है। अपने आदेश में मंत्रालय ने सभी राज्यों को इसके लिए एक नोडल एजेंसी नियुक्त करने और स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल बनाने को कहा है। अगर फंसा हुआ कोई भी समूह वापस जाने की इच्छा जाहिर करता है तो जिस राज्य में वह फंसा है और जिस राज्य मे उसे भेजा जाना है, दोनों राज्य एक-दूसरे से परामर्श लेंगे।

गाइडलाइंस

जिनमें नहीं दिखेंगे लक्षण, केवल उन्हें होगी आवाजाही की इजाजत

गाइडलाइंस के मुताबिक फंसे हुए लोगों की आवाजाही से पहले स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें कोरोना वायरस जैसे लक्षण नहीं होंगे, उन्हें ही आवाजाही की इजाजत दी जाएगी। इन लोगों को लाने-जाने के लिए सैनिटाइज की गई बसों का इस्तेमाल किया जाएगा। गंतव्य पर पहुंचने पर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी उनकी जांच करेंगे और उन्हें होम क्वारंटाइन किया जाएगा। उन पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और इसके लिए उन्हें 'आरोग्य सेतु' ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।