कोरोना वायरस की चपेट में आए 67वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स, टाला गया समारोह
कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में फैला हुआ है। फिल्म इंडस्ट्री भी कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। सभी फिल्मों की शूटिंग पहले ही रोक दी गई थी, अब एक के बाद एक कई फिल्मों की रिलीज भी पोस्टपोन की जा रही है। ऐसे में सभी इवेंट्स को भी रद्द कर दिया गया है। अब खबर आई है कि फिल्मी हस्तियों को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान यानी नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स को भी टाल दिया गया है।
3 मई को होता है नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स का आयोजन
बता दें कि हर साल 3 मई को नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार वर्तमान स्थिति को देखते हुए इन्हें अनिश्चित समय तक टालने का फैसला लिया गया है। खबरों के अनुसार, फिलहाल इससे जुड़े अधिकारी 67वें राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड्स पर कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं। क्योंकि इस समय सभी का ध्यान सिर्फ कोरोना वायरस के कारण बिगड़े हालातों को सामान्य करने पर है।
इसलिए 3 मई को ही दिए जाते हैं राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड
2012 में 3 मई को ही राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड्स देने का वितरण समारोह आयोजित करने के लिए तय किया गया था। इसका कारण था कि इसी दिन भारत की पहली पूर्ण लंबई वाली फीचर वाली 'राजा हरिशचंद्र' 1913 में रिलीज की गई थी।
अब तक नहीं हो पाया है जूरी का चुनाव
बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की जूरी का हिस्सा रहे फिल्मकार राहुल रवैल का कहना है कि देश में कोरोना वायरस फैसले से पहले जूरी को लेकर प्रक्रिया शुरु होने वाली थी। हालांकि, अब तक जूरी का गठन नहीं हो पाया है। जूरी द्वारा ही फिल्म निर्माताओं और सितारों का चयन किया जाता है। अप्रैल में इनके नामों की घोषणा होती है। इसके बाद मई में फंक्शन का आयोजन किया जाता है।
बीते वर्ष भी हुए थे अवॉर्ड्स पोस्टपोन
यह पहला मौका नहीं है जब किसी वजह से इस अवॉर्ड समारोह को आगे के लिए टाला गया है। इससे पहले 66वां राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड भी पोस्टपोन किया गया था। दरअसल, 2019 में आम चुनावों के कारण इसमें थोड़ी देर हो गई थी। उस समय अगस्त में विजेताओं के नामों की घोषणा की गई थी कि इसके बाद दिसंबर में समारोह का आयोजन किया गया था। यहां उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा सभी विजेताओं को सम्मानित किया गया था।