झारखंड: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई, लगाए ये आरोप
क्या है खबर?
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
SC/ST थाने में दर्ज कराई इस शिकायत में सोरेन ने ED अधिकारियों पर उन्हें दिल्ली से लेकर रांची तक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
सोरेन ने कहा कि ED अधिकारियों ने 30 जनवरी को उनके दिल्ली स्थिति आवास पर छापेमारी की थी, जिसके जरिए उनके और उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश की गई।
शिकायत
शिकायत में सोरेन ने क्या कहा?
सोरेन ने कहा, "27-28 जनवरी को मैं दिल्ली दौरे पर था। इस दौरान मैं 5/1 शांति निकेतन में रुका था, जिसे झारखंड राज्य द्वारा लीज पर लिया गया है। मुझे पता चला कि अधिकारियों ने मेरे आधिकारिक आवास पर तलाशी ली थी। ये छापेमारी मुझे सूचना दिए बिना की गई थी। अधिकारियों ने गलत सूचना देते हुए कहा कि परिसर से जब्त की गई नीले रंग की कार मेरी है, जबकि वो मेरी नहीं है।"
आरोप
सोरेन ने एजेंसी पर लगाए ये आरोप
सोरेन ने कहा, "एजेंसी ने परिसर से बड़ी मात्रा में अवैध नकदी पाई जाने का दावा किया। मेरे पास कोई अवैध नकदी नहीं है।"
सोरेन ने दावा किया कि ED की कार्रवाई उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए थी।
उन्होंने कहा कि ED अधिकारियों की वजह से उन्हें और उनके परिवार को अत्यधिक मानसिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक क्षति हुई है।
सोरेन ने ये शिकायत रांची के धुर्वा पुलिस स्टेशन में की है।
पूछताछ
ED कर रही है सोरेन से पूछताछ
कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED आज सोरेन से उनके आवास पर पूछताछ कर रही है। इससे पहले 20 जनवरी को भी सोरेन से पूछताछ की गई थी।
पूछताछ के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन भी कर रहे हैं, जिसके चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
कार्यकर्ताओं ने ED पर सोरेन को जानबूझकर परेशान करने के आरोप लगाए हैं।
वजह
क्यों ED के निशाने पर हैं सोरेन?
ED झारखंड की राजधानी रांची में भारतीय सेना की भूमि की बिक्री समेत कई अन्य मामलों की जांच कर रही है।
भूमि घोटाले में आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सेना की 5 एकड़ जमीन बेची गई, जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत थी। इस मामले में ED अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
इसके अलावा सोरेन खनन घोटाले में भी घिरे हुए हैं। उन पर अपने करीबियों को खदानों का पट्टा जारी करने का आरोप है।