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कश्मीर में गर्मी ने तोड़ा 70 साल का रिकॉर्ड, जानिए क्या है बढ़ते तापमान का कारण
कश्मीर घाटी में तेजी से बढ़ रहा है तापमान

कश्मीर में गर्मी ने तोड़ा 70 साल का रिकॉर्ड, जानिए क्या है बढ़ते तापमान का कारण

Jul 07, 2025
03:30 pm

क्या है खबर?

कश्मीर घाटी में शनिवार (5 जुलाई) को पिछले 70 सालों का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। पहलगाम के स्वास्थ्य रिसॉर्ट में भी अब तक का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। ये रिकॉर्ड तोड़ने वाले तापमान घाटी में पिछले 50 सालों में सबसे ज्यादा गर्म रहे जून के महीने के बाद आए हैं। अप्रत्याशित रूप से लगातार बढ़ते तापमान ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं। आइए जानते हैं कश्मीर में तापमान में बढ़ोतरी का क्या कारण है।

जलवायु

कैसी है कश्मीर की जलवायु?

कश्मीर घाटी में आम तौर पर वसंत, ग्रीष्म, सवान और सर्दी के चार अलग-अलग मौसमों के साथ समशीतोष्ण जलवायु रहती है। वसंत (मार्च से मई) और सावन (सितंबर से नवंबर) आम तौर पर सुखद होते है, लेकिन सर्दियों (दिसंबर से फरवरी) में तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में मध्यम बर्फबारी होती है। इससे पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त रहता है। हालांकि, इस दौरान पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है।

जानकारी

गर्मियों में बारिश से मिलती है राहत

ग्रीष्मकाल (जून से अगस्त) हल्का होता है, दिन का तापमान शहरी क्षेत्रों में 36 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। हालांकि, बीच-बीच में बारिश होने से तापमान ठंडा रहता है। जुलाई और अगस्त सबसे गर्म महीने होते हैं।

बदलाव

कश्मीर की जलवायु में क्या आया बदलाव?

हाल के वर्षों में कश्मीर का मौसम लगातार अनिश्चित होता जा रहा है। घाटी में लंबे समय तक सूखा रहा है और तापमान में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इस साल जून का महीना पिछले 50 साल में सबसे गर्म रहा है, जिसमें दिन का तापमान सामान्य से करीब 3 डिग्री अधिक रहा। 5 जुलाई को श्रीनगर में अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 70 सालों में सबसे अधिक और अब तक का तीसरा सबसे अधिक है।

इतिहास

1953 में दर्ज किया गया था 37.7 डिग्री सेल्सियस

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, श्रीनगर में 1953 में 5 जुलाई को 37.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अब तक का सबसे अधिक तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस है, जो 10 जुलाई, 1946 को दर्ज किया गया था। इस बीच, पहलगाम में अब तक का सर्वाधिक तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिसने पिछले वर्ष जुलाई में दर्ज 31.5 डिग्री के रिकार्ड को तोड़ दिया। तापमान में यह बदलाव कश्मीर के सुकून को खराब कर रहा है।

परेशानी

क्यों कश्मीर में स्थिति चिंताजनक हो रही है? 

स्वतंत्र मौसम पूर्वानुमानकर्ता फैजान आरिफ ने कहा, "हमारे यहां पहले भी तापमान अधिक रहा है, लेकिन वे छिटपुट घटनाएं थीं। इस साल तापमान लगातार सामान्य से ऊपर बना हुआ है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों ही ऊंचे बने हुए हैं। इससे आम जीवन के साथ कृषि पर भी बड़ा असर पड़ रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "अगर, आने वाले सालों में इस तरह से तापमान में बढ़ोतरी होती रही तो कश्मीर की हरियाली सूखे में बदल जाएगी।"

कारण

कश्मीर में तापमान में बढ़ोतरी के क्या है कारण?

श्रीनगर स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मुख्तार अहमद ने कहा, "सबसे पहले, ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया भर में तापमान बढ़ रहा है। कश्मीर में पहले जब भी तापमान 35 डिग्री सेल्सियस को पार करता था, तो बारिश होती थी, जिससे राहत मिलती थी। अब हम सूखे की स्थिति देख रहे हैं।" उन्होंने बताया कि इसका मुख्य कारण जल वाष्प की कमी है। पहाड़ों पर कम बर्फबारी हुई है और वह भी मार्च तक पिघल जाती है।"

द्वीप

शहरी ताप द्वीप किस तरह करते हैं तापमान में इजाफा?

अहमद ने बताया कि शहरी ताप द्वीपों (UHI) के कारण भी तापमान में बढ़ोतरी होती है। UHI एक महानगरीय या शहरी क्षेत्र है जो अपने आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में काफी गर्म होता है। उन्होंने बताया कि UHI का निर्माण तेजी से शहरीकरण, कंक्रीटीकरण, मैकडैमाइजेशन, कम जल निकायों और कम वनस्पति के कारण होता है। घाटी के शहरी इलाकों हरियाली कम रहती है। इससे वहां गर्मी अधिक रहती और फिर तापमान बढ़ता है।