मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दोषी की तिहाड़ जेल में मौत
बिहार के बहुचर्चित मुजफफरपुर शेल्टर होम में 40 नाबालिगों बच्चियों व लड़कियों से रेप और यौन शोषण के मामले में 10 साल की सजा भुगत रहे दोषी रामानुज ठाकुर (70) की लंबी बीमारी के बाद तिहाड़ जेल में मौत हो गई। पुलिस ने उसके शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। मृतक मामले के मुख्य दोषी ब्रजेश ठाकुर का मामा बताया जा रहा है। वह तिहाड़ जेल की बैरक नंबर तीन में सजा काट रहा था।
जून, 2018 में सामने आया था मामला
बालिका गृह में लड़कियों के यौन शोषण का मामला जून, 2018 में सामने आया था। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की रिपोर्ट के बाद CBI की जांच में सामने आया कि शेल्टर होम की दर्जनों लड़कियों के साथ ठाकुर और उनके सहयोगियों द्वारा रेप और यौन शोषण किया जाता था। इतना ही नहीं, मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी। सुप्रीम कोर्ट ने केस को दिल्ली ट्रांसफर किया था।
बृजेश ठाकुर चलाता था शेल्टर होम
बिहार पीपल्स पार्टी (BPP) का पूर्व विधायक बृजेश ठाकुर यह शेल्टर होम चलाता था, जहां कई लड़कियों के साथ रेप किया गया था। ठाकुर को POCSO कानून के तहत और गैंगरेप का दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने 20 मार्च, 2018 को ठाकुर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। इनमें से 12 पुरुष और आठ महिलाएं थीं। बता दें कि मुजफ्फरनगर शेल्टर होम कांड में 34 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था।
कोर्ट ने 20 में से 19 को माना था दोषी
साकेत कोर्ट ने गत 20 जनवरी को 20 में से 19 आरोपियों को पॉक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था। इसके बाद 4 फरवरी को सजा पर बहस पूरी करते हुए कोर्ट ने सजा सुनाने की तारीख 11 फरवरी तय की थी। कोर्ट ने मोहम्मद साहिल उर्फ विक्की को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। सजा सुनाए जाने के बाद ठाकुर कोर्ट में रोने लग गया और अपराध के लिए क्षमा मांगने लगा।
साकेत कोर्ट ने 19 में से चार को सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
कोर्ट ने दोषी रवि रोशन को उम्रकैद 1.5 लाख रुपये जुर्माना, विकास को उम्रकैद 14 लाख जुर्माना, गुडु पटेल को उम्रकैद, किरण, मधु, रामानुज ठाकुर, मीनू, विजय तिवारी को 10-10 साल सजा और 35,000 जुर्माना तथा कृष्णा कुमार को 10 साल की सजा और 40,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी। इसी तरह नेहा, हेमा मशीह, अश्वनी, मीनू, मंजू, चांदा, रमा शंकर व इन्दु कुमारी को 3-3 साल और रोजी रानी 6 महीने की सजा सुनाई गई थी।
गत 3 दिसंबर को हुई दोषी रामानुज ठाकुर की मौत
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संजय गोयल ने बताया कि दोषी संजय गोलय पिछले काफी समय से बीमार चल रहा था। इसके चलते गत 3 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी। उसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके नेचुरल मृत्यु होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि रामानुज मुजफ्फरपुर में रहकर ही ब्रजेश ठाकुर की शेल्टर होम और NGO का कामकाज संभाला करता था।
कोरोना से नहीं हुई अनुज ठाकुर की मौत
जेल महानिदेशक गोयल ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर इन दिनों तिहाड़ में कैदियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रामानुज की मौत सामान्य तरीके से हुई है। उसमें किसी भी प्रकार के कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं थे।